अमेरिका में भारतीय मूल के पेशेवरों के लिए एक वैश्विक संगठन इंडियन प्रोफेशनल विदाउट बॉर्डर्स की तरफ से 10 फरवरी, 2024 'इंडियन इंजीनियर्स विदाउट बॉर्डर्स' का ऐतिहासिक लॉन्च किया गया। भारतीय जीवन दर्शन से प्रेरित 'वसुधैव कुटुम्बकम' और 'सर्वे भवन्तु सुखिनः' के गहन वैदिक सिद्धांतों में निहित सिलिकॉन वैली स्थित इस गैर-लाभकारी पहल का उद्देश्य 'कनेक्ट, इनोवेट, और इम्पैक्ट' के तहत दुनिया भर में इंजीनियरिंग प्रतिभा को एकजुट करना है।
इस मौके पर मुख्य अतिथि डॉ. के. श्रीकर रेड्डी, भारत के महावाणिज्य दूत, मुख्य वक्ता डॉ. शैलेंद्र जोशी, पूर्व मुख्य सचिव और तेलंगाना सरकार, भारत सरकार के सलाहकार के साथ इस औपचारिक लॉन्च ने वैश्विक इंजीनियरिंग सहयोग और इनोवेशन की दिशा में यह एक महत्वपूर्ण प्रगति को बताता है।
अपने संबोधन में डॉ. रेड्डी ने इस पहल की सराहना करते हुए इसे 2047 तक भारत को एक विकसित राष्ट्र के रूप में विकसित करने के लिए 140 करोड़ भारतीयों के लिए भारत के दूरदर्शी लक्ष्य के साथ जोड़ा। उन्होंने AI की महत्वपूर्ण भूमिका पर जोर दिया। डॉ. रेड्डी ने हाल ही में अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष की रिपोर्ट का हवाला देते हुए वैश्विक अर्थव्यवस्था पर AI के परिवर्तनकारी प्रभाव और भारत की अनुमानित 8% सालाना वृद्धि का संकेत दिया।
इसके अलावा डॉ. रेड्डी ने शिक्षा और उभरती प्रौद्योगिकियों की उन्नति पर केंद्रित एक संयुक्त अनुसंधान संस्थान की स्थापना में अमेरिका और भारत सरकार के बीच रणनीतिक सहयोग पर प्रकाश डाला। डॉ. जोशी ने अपने संबोधन में विशेष रूप से इस AI अवसरों के बारे में बताया। उन्होंने जोर देकर कहा कि AI स्वास्थ्य सेवा, जलवायु और अन्य अहम चुनौतियों से निपटने के लिए नई प्रौद्योगिकियां लाएगा। उन्होंने दुनिया के विभिन्न हिस्सों से शामिल होने वाले सभी प्रतिभागियों की प्रशंसा की।
संगठन के सह-संस्थापक शचींद्र नाथ ने कहा कि 'इंडियन इंजीनियर्स विदाउट बॉर्डर्स' के माध्यम से हम भारतीय इंजीनियरों और दुनिया भर में समान विचारधारा वाले लोगों को जोड़ने के लिए प्रतिबद्ध हैं। हमारा लक्ष्य वैश्विक चुनौतियों का समाधान करने, जीवन की गुणवत्ता में सुधार करने और स्थायी प्रभाव वाले इनोवेशन के साथ आगे बढ़ने के लिए एक शक्तिशाली उपकरण के रूप में इंजीनियरिंग का लाभ उठाना है।
इस वैश्विक पहल के वास्तुकारों में से एक अमित सरकार ने महत्वाकांक्षी लक्ष्यों पर प्रकाश डाला। जिसमें AI लर्निंग इकोसिस्टम का निर्माण और 50,000 AI-केंद्रित स्टार्टअप एक्सेलेरेटर का लॉन्च शामिल है, जो वैश्विक स्तर पर AI प्रतिभा के शीर्ष 10% को बढ़ावा देने की दिशा में एक छलांग का प्रतीक है।
उन्होंने कहा कि चार महाद्वीपों में फैले 1100 से अधिक सदस्यों और आठ चैप्टरों के साथ और हर दिन बढ़ रहे 'इंडियन इंजीनियर्स विदाउट बॉर्डर्स' ने वैश्विक चुनौतियों का सामना करने, जीवन की गुणवत्ता में सुधार करने और टिकाऊ इनोवेशन को चलाने के लिए भारतीय इंजीनियरों और तकनीकी उत्साही लोगों की सामूहिक प्रतिभा का दोहन करने के मिशन पर काम शुरू किया है।
'101 डेज ऑफ AI लर्निंग फेस्टिवल' का उद्घाटन इस मिशन के साथ मेल खाता है, जो एआई और मशीन लर्निंग में व्यापक विजन प्रदान करता है। जैसा कि जीपीएआई शिखर सम्मेलन 2023 में कहा गया है यह पहल कृषि, स्वास्थ्य सेवा और शिक्षा में AI का लाभ उठाने के लिए भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विचार से जोड़ता है।
'इंडियन इंजीनियर्स विदाउट बॉर्डर्स' इंजीनियरों, तकनीकी उत्साही लोगों और उन सभी को आमंत्रित करता है जो इस परिवर्तनकारी यात्रा में शामिल होने के लिए इनोवेशन के माध्यम से बदलाव लाने को लेकर प्रतिबद्ध हैं। साथ मिलकर हम एक ऐसा भविष्य बनाने का लक्ष्य रखते हैं जहां इनोवेशन और इसके प्रभाव आने वाली पीढ़ियों के लिए एक बेहतर दुनिया का निर्माण करेगा।
'इंडियन इंजीनियर्स विदाउट बॉर्डर्स', इंडियन प्रोफेशनल विदाउट बॉर्डर्स का एक हिस्सा है। सिलिकॉन वैली में भारतीय मूल के पेशेवरों का यह वैश्विक नेटवर्क इनोवेशन, सहयोग और सामाजिक प्रभाव को बढ़ावा देने के लिए समर्पित है। जो एक साझा विरासत और उत्कृष्टता के प्रति प्रतिबद्धता का समर्थन करता है।
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