चैटजीपीटी (ChatGPT) बनाने वाली कंपनी ओपनएआई (OpenAI) से बर्खास्त सैम अल्टमैन को को लेकर माइक्रोसॉफ्ट के सीईओ सत्या नडेला ने जब उन्हें अपनी कंपनी में लेने का ऐलान किया तो पूरी दुनिया में उनकी तारीफ हुई। नडेला ने अल्टमैन को नियुक्त कर के बहुचर्चित तख्तापलट पर प्रकाश डाला कि कैसे एक अच्छा नेता एक कठिन स्थिति से सर्वश्रेष्ठ बना सकता है। नडेला की तरह, भारतीय मूल के अन्य सीईओ ने 2023 में सुर्खियां बटोरीं, आइए उनके बारे में जानते हैं।
माइक्रोसॉफ्ट के सीईओ सत्य नडेला।
सत्या नडेला, माइक्रोसॉफ्ट : OpenAI के सीईओ सैम अल्टमैन को कंपनी के निदेशक मंडल द्वारा अचानक बर्खास्त किए जाने के बाद माइक्रोसॉफ्ट के सीईओ सत्य नडेला ने उन्हें अपनी कंपनी के बोर्ड में लाने का मौका ढूंढ लिया। उन्होंने घोषणा की कि ऑल्टमैन और OpenAI के सह-संस्थापक ग्रेग ब्रॉकमैन एक नई उन्नत एआई अनुसंधान टीम का नेतृत्व करने के लिए माइक्रोसॉफ्ट में शामिल होंगे। बाद में सैम ऑल्टमैन को OpenAI के सीईओ के रूप में बहाल कर दिया गया।
इस घटनाक्रम पर प्रतिक्रिया देते हुए नडेला ने ब्लूमबर्ग टीवी से कहा कि इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि अल्टमैन कहां काम कर रहे हैं, क्योंकि वह चाहे कहीं भी हो, वह माइक्रोसॉफ्ट के साथ काम कर रहे हैं। टेक दिग्गज OpenAI में एक निवेशक हैं, जो एआई स्टार्टअप में 10 बिलियन डॉलर का निवेश करते हैं।
सुंदर पिचाई, अल्फाबेट और गूगल : अल्फाबेट और गूगल के सीईओ सुंदर पिचाई कंपनी में छंटनी और गूगल, फोर्टनाइट डेवलपर एपिक गेम्स के बीच एंटीट्रस्ट ट्रायल को लेकर सुर्खियों में आए। छंटनी को लेकर पिचाई का कहना था कि स्पष्ट रूप से, ऐसा करने का यह सही तरीका नहीं है। मुझे लगता है कि यह कुछ ऐसा है जिसे हम निश्चित रूप से अलग तरीके से कर सकते थे। इसके अलावा भारत में इलेक्ट्रॉनिक मैन्युफैक्चरिंग को लेकर भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ वर्चुअल बातचीत को लेकर भी पिचाई इस साल चर्चा में रहे।
विशाल गर्ग, Better.com : Better.com के सीईओ विशाल गर्ग ने 2021 में जूम कॉल पर 900 कर्मचारियों की छंटनी कर सुर्खियां बटोरी थीं। 2022 में कंपनी ने भारत में अपने कर्मचारियों को मर्जी से नौकरी छोड़ने का विकल्प दिया और 900 से अधिक इस्तीफे स्वीकार किए। टेकक्रंच की एक रिपोर्ट के अनुसार, 2023 में इस प्रवृत्ति को जारी रखते हुए विशाल गर्ग ने अपनी पूरी रियल एस्टेट टीम को निकाल दिया और यूनिट को बंद कर दिया। एक साक्षात्कार में गर्ग ने कहा कि उन्होंने कंपनी के भीतर और बाहर विश्वास को फिर से बनाने के लिए बहुत सारे नेतृत्व प्रशिक्षण लिया।
शांतनु नारायण, एडोब : एडोब के सीईओ शांतनु नारायण उस वक्त सुर्खियों में आए थे जब वह इंफोसिस के संस्थापक नारायण मूर्ति की इस बात से सहमत नहीं थे कि देश के विकास के लिए युवा भारतीयों को सप्ताह में 70 घंटे काम करना चाहिए। इसके अलावा जब कंपनी ने क्लाउड-आधारित डिजाइनर प्लेटफॉर्म फिग्मा के लिए अपने 20 बिलियन डॉलर के कैश-एंड-स्टॉक सौदे को यह कहते हुए स्थगित कर दिया था कि यूरोपीय संघ और ब्रिटेन में एंटीट्रस्ट नियामकों से अनुमोदन के लिए 'कोई स्पष्ट रास्ता' नहीं था।
अजय बंगा, व्लर्ड बैंक : भारतीय मूल के अजय बंगा इस साल की शुरुआत में विश्व बैंक के अध्यक्ष बनाए जाने के बाद सुर्खियों में आए थे। मई में, विश्व बैंक के 25 सदस्यीय कार्यकारी बोर्ड ने बंगा को अध्यक्ष के रूप में पांच साल के कार्यकाल के लिए चुना। इससे पहले अपने करियर में बंगा ने मास्टरकार्ड को सीओओ और सीईओ के रूप में भी काम किया। 2016 में उन्हें व्यापार और उद्योग में उनके योगदान के लिए पद्मश्री से भी सम्मानित किया गया था।
अरविंद कृष्णा, IBM : आईबीएम के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) अरविंद कृष्णा ने अपने कर्मचारियों को चेतावनी जारी की है कि रिमोट वर्क उनके करियर की संभावनाओं को नुकसान पहुंचा सकता है। आईआईटी कानपुर के पूर्व छात्र ने कहा कि वह अब किसी को कार्यालय वापस आने के लिए नहीं कह रहे हैं, लेकिन हम आपको इसके लिए प्रोत्साहित करते हैं, हम आपसे आने की उम्मीद करते हैं, हम चाहते हैं कि आप ऑफिस आएं। ये आपके ही हित में है।
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