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अमेरिका से निर्वासित भारतीयों को लेकर तीसरी फ्लाइट पहुंची अमृतसर, सियासत चालू

रविवार अमृतसर पहुंचे 112 भारतीय निर्वासितों में से 44 हरियाणा से, 33 गुजरात से, 31 पंजाब से, दो उत्तर प्रदेश से और एक-एक हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड से हैं। न्यू इंडिया अब्रॉड के मुताबिक निर्वासित लोगों में बच्चे और महिलाएं भी शामिल हैं, जिन्हें हवाई अड्डे पर आव्रजन जांच क्षेत्र की ओर बढ़ते देखा गया।

महिलाओं और बच्चों सहित अमेरिका से निर्वासित भारतीय रविवार को अमृतसर हवाई अड्डे पर पहुंचे। / NIA

अमेरिकी वायु सेना का तीसरा सी-17 ग्लोबमास्टर विमान रविवार रात लगभग 10.05 बजे 112 भारतीय निर्वासित लोगों को लेकर अमृतसर के श्री गुरु रामदास जी अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे पर उतरा। आधिकारियों ने इस बात की पुष्टि की है। जनवरी में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनल्ड ट्रम्प के सत्ता में आने के बाद अमेरिका में अवैध आप्रवासियों पर कार्रवाई शुरू हो चुकी है।  

रविवार अमृतसर पहुंचे 112 भारतीय निर्वासितों में से 44 हरियाणा से, 33 गुजरात से, 31 पंजाब से, दो उत्तर प्रदेश से और एक-एक हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड से हैं। न्यू इंडिया अब्रॉड के मुताबिक निर्वासित लोगों में बच्चे और महिलाएं भी शामिल हैं, जिन्हें हवाई अड्डे पर आव्रजन जांच क्षेत्र की ओर बढ़ते देखा गया।

पिछली दो उड़ानों की तरह तीसरी उड़ान के आगमन के दौरान अमृतसर हवाई अड्डे पर कोई वीआईपी हलचल नहीं देखी गई क्योंकि पंजाब या केंद्र सरकार से कोई भी मंत्री निर्वासित लोगों की व्यवस्था देखने के लिए नहीं पहुंचा।

अमृतसर हवाई अड्डे के एविएशन क्लब के प्रवेश द्वार पर पंजाब पुलिस को तैनात किया गया था। भारत में निर्वासित लोगों के संबंधित क्षेत्रों और राज्यों की पुलिस टीमें भी उन्हें लेने के लिए अमृतसर पहुंचीं। पंजाब सरकार निर्वासित लोगों को पुलिस वाहनों में उनके घरों तक लेकर गई। 

पंजाब राज्य के मंत्रियों की आलोचना के बाद कि हरियाणा अपने राज्य के निर्वासित लोगों को लेने के लिए कैदियों की बस भेज रहा है, रविवार को हरियाणा सरकार ने उन्हें लेने के लिए वोल्वो बस भेजी।
 

अपने राज्य के निर्वासित लोगों को लेने के लिए अमृतसर हवाई अड्डे पर हरियाणा सरकार की वोल्वो बस। / SGPC

जैसा कि दूसरी उड़ान के आगमन के दौरान बताया गया था कि कुछ सिख निर्वासित लोगों को अमृतसर हवाई अड्डे के आव्रजन जांच स्थल की ओर जाते समय बिना पगड़ी और नंगे सिर के देखा गया था, सिख निकाय शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक समिति (SGPC) ने रविवार को बगैर पगड़ी के सिख निर्वासितों के लिए पहले से ही पर्याप्त संख्या में पगड़ी की व्यवस्था की थी।

हवाईअड्डे पर SGPC के सूत्रों ने कहा कि सिख निकाय ने हवाई अड्डा प्राधिकरण को लगभग 50 पगड़ियां सौंपीं और लगभग 25 निर्वासित सिखों ने उन्हें अपने नंगे सिर ढकने के लिए पहना।

निर्वासित सिखों को बिना पगड़ी के लाने की भी सिख नेताओं ने तीखी आलोचना की है। SGPC सदस्य गुरचरण सिंह ग्रेवाल ने कहा कि सिख संस्था सिख समुदाय की धार्मिक मान्यताओं से संबंधित मुद्दे को उचित माध्यम से भारत सरकार और अमेरिकी सरकार के समक्ष उठाएगी।

भारतीय निर्वासित लोगों के परिवार के सदस्य सिख संस्था एसजीपीसी द्वारा सामुदायिक रसोई में भोजन करते हुए। / SGPC

शिरोमणि अकाली दल के नेता बिक्रम सिंह मजीठिया ने कहा कि भगवंत मान और उनके मंत्री संयुक्त राज्य अमेरिका से युवाओं के निर्वासन पर सियासत कर रहे हैं लेकिन चौंकाने वाली वात यह है कि बेशर्मी से वे सिख युवाओं को बिना पगड़ी के नंगे सिर लाने पर चुप हैं। इस प्रमुख मुद्दे पर एक भी शब्द नहीं, श्रीमान भगवंत मान क्यों? इसलिए कि आप अपने नाम में सिंह नहीं लगाते?
 

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