अपने व्यापक उपयोग के बावजूद कैनबिस यानी भांग चर्चा का एक विवादास्पद विषय है। इसकी वैधता को अक्सर गलत समझा जाता है। वर्तमान में अमेरिका के 24 राज्यों में सीमित स्तर पर उपयोग के लिए इसे कानूनी मान्यता प्राप्त है। तो मिलिये शिकागो में कैनबिस डिस्पेंसरी चलाने वाली भारतीय-अमेरिकी महिला अन्नू खोत से जो इस काम को एक पेशे के रूप में अपनाकर स्वयं चर्चा का विषय हैं।
भांग दशकों से भारतीय पारंपरिक चिकित्सा का हिस्सा रही है। Image : NIA
भारत में जन्मी और पली-बढ़ी खोत 2008 में अमेरिका चली आई थीं। भांग के औषधीय गुणों को प्रत्यक्ष रूप से देखने के बाद खोत ने एक भारतीय-अमेरिकी महिला द्वारा खोले गए दुनिया के पहले भांग औषधालयों में से एक को लॉन्च करने की योजना बनाई। इस औषधालय को सोशिएल के नाम से जाना जाता है।
शुरुआत में एक भारतीय मूल की महिला के रूप में इस काम में आई चुनौतियों के बारे में अन्नू बताती हैं कि पहले मैंने इसके बारे में कभी नहीं सुना था। कैनबिस उद्योग का हिस्सा होना साधारण लोगों के बस की बात नहीं है। एक ऐसा उद्योग जो संघीय स्तर पर वैध नहीं है। हमारे पास पारंपरिक बैंकों तक पहुंच नहीं होती और हम सोशल मीडिया के माध्यम से कारोबार भी नहीं कर सकते।
भांग के उपयोग को लेकर भारत की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत के बावजूद खोत को अपने ही समुदाय के लोगों से विरोध का सामना करना पड़ा। खोत याद करती हैं- हालाँकि भांग दशकों से भारतीय पारंपरिक चिकित्सा का हिस्सा रही है फिर भी इस पौधे को लेकर बड़ी वर्जनाएं हैं। परिवार के कुछ पुराने सदस्यों और दोस्तों को इस विचार पर संदेह था। सब चाहते थे कि हम एक साधारण मुख्यधारा के काम में कदम बढ़ाएं।
बहरहाल, खोत अब लंबे समय से कैनबिस उद्योग में हैं। उन्होंने अमेरिका में इसके काम से खुद को बड़ा बनाने की कोशिश कर रहे भारतीय अमेरिकियों के लिए अपनी सलाह भी साझा की है। वह कहती हैं कि जब मैं पहली बार अमेरिका आई तो यहां सीखने का कठिन दौर था। भारत में मैं लगातार अपने परिवार और दोस्तों से घिरी रहती थी लेकिन अमेरिका में आपको अपनी दुनिया खुद बसानी पड़ती है।
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