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कनाडा का स्टडी परमिट लेकर 'गायब' हो जा रहे हजारों भारतीय छात्र, वजह चौंका देगी

पिछले साल मार्च-अप्रैल में लगभग 50 हजार विदेशी छात्र स्टडी परमिट लेने के बावजूद कॉलेज नहीं पहुंचे। इनमें लगभग 20 हजार भारतीय हैं।

कॉलेजों से विदेशी छात्रों के गायब होने को वीजा सिस्टम का दुरुपयोग माना जा रहा है। / Photo Courtesy #pexels

कनाडा में एक अलग ट्रेंड देखने को मिल रहा है। कनाडा के कॉलेजों और विश्वविद्यालयों में दाखिला मिलने के बावजूद हजारों विदेशी छात्र वहां अपनी पढ़ाई शुरू करने के लिए नहीं पहुंच रहे हैं। इनमें बड़ी संख्या में भारतीय हैं।

सरकारी आंकड़ों के अनुसार, पिछले साल मार्च-अप्रैल में लगभग 50 हजार विदेशी छात्र स्टडी परमिट के बावजूद नहीं आए। इनमें 144 देशों के स्टूडेंट शामिल हैं। ये अपनी स्टडी परमिट की शर्तों का उल्लंघन करते हुए अपने स्कूलों में नहीं पहुंचे। इन्हें 'नो-शो' के रूप में रिपोर्ट किया गया। इनमें सबसे ज्यादा भारतीय थे। 

द ग्लोब एंड मेल ने सरकारी आंकड़ों के हवाले से बताया है कि 19,582 भारतीय छात्रों को कनाडाई कॉलेजों और विश्वविद्यालयों में 'नो-शो' रिपोर्ट किया गया है। यह आव्रजन, शरणार्थी एवं नागरिकता कनाडा (आईआरसीसी) द्वारा ट्रैक किए गए भारतीय छात्रों की कुल संख्या का लगभग 5.4 प्रतिशत है। 

कॉलेजों से विदेशी छात्रों की गैरहाजिरी को स्टूडेंट वीजा सिस्टम के दुरुपयोग की तरह देखा जा रहा है। अधिकारियों का मानना है कि इनमें से बहुत से छात्र पहले से ही कनाडा में रह रहे हैं, लेकिन कॉलेज जाने के बजाय कहीं पर काम कर रहे हैं। उनका इरादा शायद स्थायी रूप से देश में बसना है। 

आंकड़े बताते हैं कि कनाडा में कुल 6,44,349 अंतर्राष्ट्रीय छात्रों में से 49,676 ने परमिट की शर्तों का पालन नहीं किया और 23,514 पहुंचे ही नहीं। इनमें स भारतीय छात्रों की संख्या 327,646 थी जिसमें से 19,582 को नॉन कंप्लायंट और 12,553 को नॉन रिपोर्टेट दर्ज किया गया। 

गौरतलब है कि भारतीय एजेंसियां कनाडाई कॉलेजों और भारतीय की कुछ संस्थाओं की मदद से अवैध रूप से सीमा पार करने के मामलों की जांच कर रही हैं। पता चला है कि कई छात्र पहले कनाडा, फिर अमेरिका में एंट्री पाने के लिए अपने स्टडी परमिट का दुरुपयोग करते हैं।

रॉयल कनाडियन माउंटेड पुलिस (आरसीएमपी) ने भी कहा है कि वह इस मामले में अधिक जानकारी जुटाने के लिए भारतीय अधिकारियों के साथ मिलकर काम कर रही है। आरसीएमपी का मानना है कि ऐसे अधिकतर छात्रों ने कनाडा नहीं छोड़ा है बल्कि स्थायी रूप से वहीं रहने के लिए नौकरी या रोजगार कर रहे हैं।

स्टडी परमिट लेने के बावजूद कॉलेजों में दाखिले के लिए न पहुंचने की बढ़ती प्रवृत्ति पर लगाम के लिए विशेषज्ञों ने अंतरराष्ट्रीय छात्र संबंधी नियमों को सख्ती से लागू करने की मांग की है। पूर्व संघीय अर्थशास्त्री हेनरी लोटिन ने सुझाव दिया है कि कनाडा पहुंचने से पहले ही अंतरराष्ट्रीय छात्रों से अग्रिम फीस ले ली जाए तो नियमों के दुरुपयोग की संभावना कम हो सकती है।

कनाडा ने 2014 में अंतर्राष्ट्रीय छात्र अनुपालन व्यवस्था शुरू की थी। इसके तहत विश्वविद्यालयों और कॉलेजों को साल में दो बार छात्रों के नामांकन और स्टडी परमिट के अनुपालन की रिपोर्ट देनी होती है। इसका उद्देश्य संदिग्ध स्कूलों, संस्थानों और धोखाधड़ी करने वाली छात्रों की पहचान कर कार्रवाई करना है। 

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