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विशेष चुनावों में तीन भारतीय-अमेरिकी प्रमुख सीटों के लिए मैदान में, कांटे का मुकाबला

ये चुनाव नवंबर में खाली हुई सीटों को भरने के लिए हैं। इनके नतीजों का वर्जीनिया की विधानसभा में सत्ता के संतुलन पर असर पड़ सकता है। रिपब्लिकन राज्य सीनेट और सदन में अपनी पकड़ मजबूत करने की कोशिश में हैं। 

कन्नन श्रीनिवासन, जे जे सिंह और राम वेंकटाचलम (बाएं से) मैदान में हैं। / Facebook

7 जनवरी को लाउडौन काउंटी और सेंट्रल वर्जीनिया में बहुत अहम चुनाव हो रहे हैं। तीन भारतीय-अमेरिकी—कन्नन श्रीनिवासन, जे जे सिंह और राम वेंकटाचलम—अलग-अलग सीटों के लिए चुनाव लड़ रहे हैं। ये चुनाव नवंबर में खाली हुई सीटों को भरने के लिए हैं। इनके नतीजों का वर्जीनिया की विधानसभा में सत्ता के संतुलन पर असर पड़ सकता है। रिपब्लिकन राज्य सीनेट और सदन में अपनी पकड़ मजबूत करने की कोशिश में हैं। 

लाउडौन काउंटी के पूर्व प्रतिनिधि कन्नन श्रीनिवासन इस खास चुनाव में राज्य सीनेट की सीट के लिए मैदान में हैं। श्रीनिवासन ने वर्जीनिया में हाउस ऑफ डेलीगेट्स के लिए चुने जाने वाले पहले भारतीय प्रवासी के तौर पर इतिहास रचा था। अब वे राज्य में उच्च स्तर पर प्रतिनिधित्व करना चाहते हैं।व्यावसायिक पृष्ठभूमि वाले श्रीनिवासन ने अपने कार्यकाल के दौरान मानसिक स्वास्थ्य, फेंटेनाइल की लत, उपभोक्ता संरक्षण और कोर्ट की कार्यप्रणाली जैसे मुद्दों पर ध्यान केंद्रित किया है। 

कन्नन श्रीनिवासन की राजनीति में दिलचस्पी तब जागी जब ग्रेजुएट स्कूल में एक हादसे में उन्हें ट्रक ने टक्कर मार दी और उन्हें मेडिकेड कवरेज नहीं मिला। इसी अनुभव के बाद उन्हें पूर्व डेमोक्रेटिक गवर्नरों ने राज्य मेडिकेड बोर्ड में नियुक्त किया। श्रीनिवासन को इस चुनाव में तुमाय हार्डिंग का सामना करना पड़ रहा है, जो लाउडौन के स्कूल सिस्टम की मुखर आलोचक हैं। चुनाव काफी मुकाबला वाला माना जा रहा है, जिसमें श्रीनिवासन मुख्य सार्वजनिक स्वास्थ्य और सामाजिक मुद्दों पर अपने काम पर जोर दे रहे हैं।

वहीं, जेजे सिंह हाउस ऑफ डेलीगेट्स के लिए चुनाव लड़ रहे हैं। इस सीट को श्रीनिवासन ने खाली किया है। स्थानीय व्यापार जगत से जुड़े सिंह रिट्रीट होटल्स एंड रिसॉर्ट्स के अध्यक्ष हैं और आर्थिक नीति पर काम करने का उनका लंबा इतिहास रहा है। इसमें सीनेटर क्रिस कून्स (डी-डेलावेयर) के सलाहकार के तौर पर काम करना भी शामिल है।

भारतीय प्रवासियों के बेटे सिंह ने पीस कोर में सेवा करने वाले पहले पगड़ीधारी सिख के तौर पर इतिहास रचा है। ओबामा प्रशासन के दौरान व्हाइट हाउस के मैनेजमेंट एंड बजट ऑफिस में काम किया है। उनका चुनावी एजेंडा गर्भपात के अधिकारों की रक्षा, बंदूक कानूनों को सख्त करना, जलवायु परिवर्तन से लड़ना और किराने का सामान और शिक्षा जैसी रोजमर्रा की चीजों की कीमतों को कम करना है।

सिंह के प्रतिद्वंदी, रिपब्लिकन आईटी कंसल्टेंट राम वेंकटाचलम, कम टैक्स, सार्वजनिक सुरक्षा और आर्थिक अवसर जैसे मुद्दों पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं। वेंकटाचलम पहले 2023 में लाउडौन काउंटी बोर्ड ऑफ सुपरवाइजर्स की सीट के लिए चुनाव लड़ चुके हैं और सार्वजनिक नीति के प्रति अधिक रूढ़िवादी दृष्टिकोण का समर्थन करते रहे हैं।

हाउस ऑफ डेलीगेट्स के लिए रिपब्लिकन उम्मीदवार राम वेंकटाचलम अपने चुनाव प्रचार में आईटी कंसल्टिंग और जनसेवा का अनुभव लेकर आ रहे हैं। कंप्यूटर साइंस में डिग्री हासिल करने के बाद भारत से आने वाले वेंकटाचलम ने Deloitte में काम किया है। स्थानीय बोर्डों में सेवा की है, जिसमें लाउडौन काउंटी ट्रांजिट सलाहकार पैनल भी शामिल है। उनका ध्यान राजकोषीय जिम्मेदारी पर है, जिसमें कम टैक्स और सार्वजनिक शिक्षा में सुधार शामिल है। 

वेंकटाचलम का चुनाव प्रचार आर्थिक अवसर और सार्वजनिक सुरक्षा, साथ ही सभी बच्चों के लिए गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के महत्व पर जोर देता है। सिंह के खिलाफ उनका चुनाव विरोधी राजनीतिक विचारधाराओं को दर्शाता है, जिसमें दोनों उम्मीदवार राज्य विधानमंडल में लाउडौन काउंटी का प्रतिनिधित्व करने के अवसर के लिए चुनाव लड़ रहे हैं। 

 

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