कनाडा में गिरफ्तार भारतीय मूल के तीन लोगों को नशीले पदार्थों की तस्करी के आरोप में मुकदमा चलाने के लिए अमेरिका भेजा जाएगा। इन तीनों के संबंध मेक्सिको से उत्तरी अमेरिकी देशों में ड्रग्स लाने-ले जाने वाले रैकेट से होने का दावा किया गया है।
एफबीआई और रॉयल कनाडियन माउंटेड पुलिस (आरसीएमपी) ने ऑपरेशन डेड हैंड नाम से एक संयुक्त अभियान चलाया था। इस दौरान ड्रग्स रैकेट से संबंधों के लिए कुल 19 लोगों को गिरफ्तार किया गया। गिरफ्तार किए गए इन लोगों में ब्रैम्पटन के आयुष शर्मा व गुरअमृत संधू और कैलिगरी निवासी शुभम कुमार शामिल हैं। ये मूल रूप से पंजाब के रहने वाले हैं।
न्याय विभाग के मुताबिक, ये गिरोह कनाडा के लोगों को हैंडलर और डिस्पैचर्स के तौर पर इस्तेमाल करता था जो कनाडा से लॉस एंजलिस के बीच समय समय पर आते जाते रहते थे और अपने साथ कोकीन, मेटामॉर्फीन, फेंटेनिल जैसे ड्रग्स लाते थे। ये इन प्रतिबंधित नशीले पदार्थों को ट्रकों में छिपाकर सीमा पार पहुंचाते थे।
पुलिस कार्रवाई में भारी मात्रा में ड्रग्स के अलावा 9 लाख डॉलर से अधिक की नकदी जब्त की गई है। इस दौरान 845 किलो मेथमफेटामाइन, 951 किलो कोकीन, 20 किलो फेंटेनाइल और 4 किलो हेरोइन बरामद हुई है। जब्त नशीले पदार्थों की अनुमानित कीमत 16 से 28 मिलियन डॉलर आंकी गई है।
परिवहन का समन्वय दर्जनों ट्रकिंग कंपनियों के साथ काम करने वाले ड्राइवरों के एक नेटवर्क द्वारा किया गया था, जिन्होंने डेट्रॉइट विंडसर टनल, बफ़ेलो पीस ब्रिज और ब्लू वॉटर ब्रिज के माध्यम से अमेरिका से कनाडा तक कई सीमा पार कीं।
गिरोह में किंग के नाम से चर्चित सिद्धू ड्रग्स की तस्करी करके उसे कनाडा से अमेरिका पहुंचाने का बंदोबस्त करता था। दोषी पाए जाने पर उसे कम से कम 20 साल की सजा हो सकती है। वहीं शर्मा और कुमार की पहचान ट्रक चालक के रूप में हुई है, जो ड्रग्स पहुंचाने का काम करत थे।
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