बीते 25 वर्षों से बोस कॉर्पोरेशन और सोनी जैसी कंपनियों के भारत नेतृत्व वाले नवाचार ने उपभोक्ताओं को ऐसे ऑडियो उपकरण उपलब्ध कराये हैं जो 'आवाज' के साथ ही अवांछित शोर से लड़ते हैं।
बेशक, ध्वनि प्रौद्योगिकी की दुनिया में शोर खत्म करना एक महत्वपूर्ण नवाचार (इनोवेशन) था। बोस के नेतृत्व में इस अवधारणा को सबसे पहले ओवर-ईयर हेडफोन में पेश किया गया और उसके बाद 'इन-ईयर' ईयर फोन में पेश किया गया। पिछले लगभग एक दशक में अन्य कंपनियां भी शोर से मुक्ति के इस बाजार में जोर-शोर से उतर आई हैं। सोनी ने शोर खत्म करने के लिए समर्पित चिप्स (जैसे V1 चिप) बनाए हैं। उन्हें न्यूनतम उपकरणों में रखा है और साथ ही अन्य सहज सुविधाओं जैसे सेंसर-संचालित तकनीक के साथ संगीत को कान से निकालने पर रोकने के लिए, बास को बढ़ाने और स्पष्ट आवाज लाने के लिए बनाया है।
किसी को केवल संगीत का आनंद लेने के लिए शोर खत्म करने वाले इयरफोन का उपयोग करने की आवश्यकता नहीं है। कोई इनका उपयोग केवल बाहरी शोर के स्तर को कम करने के लिए ( यदि खत्म करने के लिए नहीं) भी कर सकता है।
संगीत की धुन पर हेडफोन से बाहरी या परिवेशीय शोर को कम करने का विचार भारत में जन्मे डॉ. अमर बोस के मन में 1978 में यूरोप की लंबी उड़ान के समय आया। बोस उस समय मैसाचुसेट्स इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (एमआईटी) में इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग के प्रोफेसर थे। यात्रा के दौरान उन्होंने पाया कि विमान के इंजन का लगातार शोर और कंपन केबिन में एयर कंडीशनिंग से जुड़ गया और उनका संगीत का मजा किरकिरा कर दिया। इसी से उनके दिमाग में कौंधने लगा कि अवांछित बाहरी शोर को कैसे कम किया जाए।
यदि अवांछित ध्वनि (यानी शोर) वाली ध्वनि तरंगें हेडसेट से टकराती हैं तो ध्रुवता में समान और विपरीत ध्वनि तरंगें बनाकर उन्हें रद्द कर दें और इस प्रकार शुद्ध ध्वनि को शून्य पर रद्द कर दें। दूसरे शब्दों में शोर को विरोधी शोर से खत्म करें। इस सिद्धांत को 'विनाशकारी हस्तक्षेप' के रूप में जाना जाता है।
मॉर्डर इंटेलिजेंस के एक सर्वेक्षण के अनुसार पूर्वानुमानित अवधि के दौरान 14% की चक्रवृद्धि वार्षिक वृद्धि दर (CAGR) पर सक्रिय शोर रद्दीकरण उपकरणों का बाजार 2023 में 15.68 बिलियन अमेरिकी डॉलर से बढ़कर 2028 तक 30.19 बिलियन अमेरिकी डॉलर होने की उम्मीद है। इस मामले में क्षेत्र के ग्राहक भी अपनी भूमिका निभा रहे हैं। सर्वेक्षण में कहा गया है कि एशिया-प्रशांत के खिलाड़ी गतिशील उपभोक्ता मांगों को पूरा करने और क्षेत्र में एक बड़े उपभोक्ता आधार आकर्षित करने के लिए शोर-रद्द करने वाले हेडफोन की नवीन सुविधाएं पेश कर रहे हैं। चीन के बाद भारत इस क्षेत्र में सबसे बड़ा बाजार है।
संयोग से भारत के बेंगलुरु में स्थित सोनी इंडिया सॉफ्टवेयर सेंटर (SISC) अभिनव समाधान तैयार कर रहा है। हाल ही में कंपनी ने उत्पादों की ULT पावर साउंड रेंज लॉन्च की है जो एकीकृत V1 चिप्स के साथ आती है। यह दोहरी शोर सेंसर तकनीक से लैस है। यानी जब आप हेडफोन उतारते हैं तो सेंसर-चालित संगीत रुक जाता है और जब आप उन्हें लगाते हैं तो फिर से शुरू हो जाता है। एक ही समय में दो उपकरणों के साथ मिलाने के विकल्प के अलावा। ULT वियर हेडफोन एक एम्बिएंट साउंड मोड के साथ आते हैं जो आपको यह नियंत्रित करने देता है कि आप ध्वनि की कौन सी परतें सुनना चाहते हैं। ULT वियर हेडफोन दोहरे बास मोड के साथ आते हैं। गहरे कम आवृत्ति वाले बास के लिए ULT1 और पंची बास प्रभाव के लिए ULT2। आप इन्हें ULT बटन दबाकर सक्रिय कर सकते हैं जो बेहतर बास के लिए विशेष रूप से डिजाइन की गई 40 मिमी ड्राइवर इकाई को सक्रिय करता है।
कुल मिलाकर संदेश जोरदार और स्पष्ट है। बोस ने न्यूनतम फॉर्म-फैक्टर वाले उपकरणों में शोर रद्दीकरण को शामिल करके जो परंपरा शुरू की थी उसे सोनी जैसे ब्रांडों द्वारा विभिन्न आकारों सुविधाओं और क्षमताओं तक बढ़ाया जा रहा है।
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