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इंडिया 2.0 को लेकर क्या सोचते हैं भारतीय-अमेरिकी, कम्युनिटी लीडर योगी चुघ ने बताई मन की बात

एस5 एडवाइजरी आईएनसी के एग्जिक्यूटिव मैनेजिंग डायरेक्टर योगी चुघ ने भारत की विकास गाथा में प्रवासी भारतीयों को शामिल करने के केंद्र सरकार के प्रयासों की सराहना करते हुए कहा कि भारत जैसे-जैसे तरक्की के रास्ते पर आगे बढ़ेगा, अमेरिका में भारतीय मूल के लोगों के लिए और भी ज्यादा अच्छे दिन आएंगे।

योगी चुघ एस5 एडवाइजरी आईएनसी के एग्जिक्यूटिव मैनेजिंग डायरेक्टर हैं। / Image : Facebook

भारत एक वैश्विक महाशक्ति के रूप में उभर रहा है। इसे लेकर अमेरिका में भारतीय प्रवासियों के बीच खासा उत्साह है। वे इसे "भारत 2.0" नाम दे रहे हैं। ये कहना है कैलिफोर्निया में रहने वाले भारतीय अमेरिकी समुदाय के प्रमुख नेता योगी चुघ का। 

एस5 एडवाइजरी आईएनसी के एग्जिक्यूटिव मैनेजिंग डायरेक्टर योगी चुघ ने न्यू इंडिया अब्रॉड से बातचीत में कहा कि अमेरिका में मेरी लोगों से बात होती है और वो सभी भारत 2.0 के उदय को लेकर जबरदस्त उत्साह में हैं। उनका विश्वास है कि भारत लगातार आगे बढ़ रहा है। अर्थव्यवस्था अभूतपूर्व दर से बढ़ रही है। कॉर्पोरेट अमेरिका का इस पर बहुत ध्यान है। वे देख रहे हैं कि वो किस तरह भारत की विकास की कहानी का हिस्सा बन सकते हैं।

भारत में इस वक्त चल रहे आम चुनावों का देश का भविष्य तय करने में योगदान का जिक्र करते हुए योगी ने कहा कि मुझे लगता है कि भारत इस समय खुद को रीसेट कर रहा है और ऐसा ही कुछ इस चुनाव को लेकर भी है। मेरा मानना है कि मतदाता इन चुनावों में यह फैसला करने जा रहे हैं कि क्या वे एक मजबूत भारत चाहते हैं या फिर वो एक ऐसा भारत चाहते हैं जो अपने में सुधार करे और इस प्रक्रिया में कोई भी पीछे न छूटे। मुझे लगता है कि यह भारत में लोकतंत्र के प्रयोग का दौर है और लोग इसी के लिए वोट करेंगे।

चुघ कहते हैं कि भारत के लिए सबसे ज्वलंत मुद्दों में आय असमानता भी एक बड़ा मुद्दा है। हालांकि उन्हें उम्मीद है कि जैसे जैसे देश की अर्थव्यवस्था बढ़ेगी, मध्यम वर्ग और काम की तलाश कर रहे लोग महसूस करेंगे कि भारत की अर्थव्यवस्था में नए अवसर भी पैदा होंगे। 

अमेरिका और भारत के संबंधों पर चुघ ने जोर देकर कहा कि मजबूत भारत ही चीन को काबू में रखकर अमेरिका के हितों को पूरा करने में मदद कर सकता है। अमेरिका चाहता है कि भारत उसका एक अपरिहार्य सहयोगी बने। 

दोनों देशों की तुलना करते हुए चुघ ने कहा कि अमेरिका एक यहूदी-ईसाई राष्ट्र है, जहां सभी धर्मों को फलने-फूलने की अनुमति है। मैं भारत को भी उसी तरह देखता हूं। भारत मुख्य रूप से हिंदू राष्ट्र है, लेकिन वहां अल्पसंख्यकों को भी फलने-फूलने की पूरी छूट है।

1986 में भारत से अमेरिका आकर बस गए योगी चुघ का मानना है कि भारत की वैश्विक पहचान ही भारतीय अमेरिकियों को आकार देती है। अमेरिका में हम एक आदर्श अल्पसंख्यक वर्ग से एक ऐसे समुदाय बने हैं जिसने अमेरिका के लिए बहुत काम किया है। कहीं न कहीं यह भी लगता है कि इस विकास में भारत की भी अहम भूमिका है।

योगी ने भारत की विकास गाथा में प्रवासी भारतीयों को शामिल करने के केंद्र सरकार के प्रयासों की सराहना करते हुए कहा कि भारत जैसे-जैसे तरक्की के रास्ते पर आगे बढ़ेगा, अमेरिका में भी भारतीय मूल के लोगों के लिए और भी ज्यादा अच्छे दिन आएंगे।

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