कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने सिख कनाडाई नागरिकों को आश्वस्त किया है कि उनके अधिकारों और आजादी की हरसंभव हिफाजत की जाएगी।
खालिस्तानी अलगाववादी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या को लेकर भारत और कनाडा के बीच गहराए राजनयिक विवाद के मद्देनजर उनका बयान विशेष महत्व रखता है। कनाडा में कई सांसदों समेत सिख नागरिक भारत आदि देशों के एजेंटों पर धमकियां देने और जबरन वसूली का आरोप लगाते रहे हैं। हाउस ऑफ कॉमन्स में ये मामला उठाकर सिखों की सुरक्षा की मांग भी की गई है।
कनाडा के हिंदू समुदाय द्वारा टोरंटो में आयोजित दिवाली उत्सव और बंदी छोड़ दिवस कार्यक्रम में जस्टिन ट्रूडो ने कहा कि हम देश के आठ लाख से अधिक सिख कनाडाई नागरिकों के अधिकारों और आजादी की रक्षा करेंगे। बिना किसी डर के अपने धर्म का स्वतंत्र रूप से पालन करने का अधिकार आपका एक मौलिक अधिकार है।
बता दें कि बंदी छोड़ दिवस को सिखों के मुक्ति दिवस के रूप में भी जाना जाता है, जो कि छठवें गुरु गुरु हरगोबिंद साहिब की जेल से रिहाई की याद दिलाता है। इस दिन सिख समुदाय के सदस्य परिवार और दोस्तों के साथ गुरुद्वारे जाते हैं, अपने घर, आसपड़ोस को दीपों से रोशन करते हैं और आतिशबाजी का आनंद लेते हैं।
कनाडाई पीएम ने कहा कि बंदी छोड़ दिवस कनाडा में रहने वाले सिख समुदाय के लोगों का एक पवित्र पर्व है। यह मुश्किल समय का साहस और लचीलेपन से करने की प्रेरणा देता है। कनाडा सरकार की ओर से मैं बंदी छोड़ दिवस मनाने वाले सभी लोगों को शुभकामनाएं देता हूं।
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