डोनाल्ड ट्रम्प के फिर से राष्ट्रपति निर्वाचित होने के बाद अमेरिका में वर्षों से रह रहे प्रवासियों को निर्वासित किए जाने का डर सताने लगा है। इसे लेकर विदेशी सरकारें और संगठन भी सक्रिय हो गए हैं। फिलिपीन सरकार ने अमेरिका में रह रहे अपने प्रवासियों की मदद का ऐलान किया है।
फिलीपीन सरकार के डिपार्टमेंट ऑफ माइग्रेंट वर्कर्स (DMW) ने घोषणा की है कि वह अमेरिका में रह रहे गैर दस्तावेजी फिलिपीनो नागरिकों की मदद करेगा। अमेरिका में करीब 3.7 लाख अनिर्दिष्ट फिलिपिनो रहते हैं, जिनके ऊपर अमेरिका से निर्वासित किए जाने की तलवार लटक रही है।
इस समर्थन में वित्तीय सहायता के अलावा क्रोएशिया, स्लोवेनिया, जर्मनी, हंगरी और जापान जैसे देशों में संभावित नौकरी या काम के अवसर शामिल होंगे। अमेरिका में फिलीपीन के राजदूत जोस मैनुअल 'बेबे' रोमुअलडेज़ ने गैर-दस्तावेजी फिलिपिनो नागरिकों को निर्वासित होने से बचने के लिए खुद ही देश छोड़ने पर विचार करने की सलाह दी है।
हालांकि यह इतना आसान नहीं है। डीएमडब्ल्यू को प्रवासियों को कहीं और बसाने के लिए अनुमानित 18.5 बिलियन पेसो ($ 5 मिलियन से अधिक) की जरूरत होगी। 2014 के बाद से अमेरिका से लगभग 10,600 फिलिपिनो नागरिकों को निर्वासित किया जा चुका है। उसमें ट्रम्प के पहले कार्यकाल में 3,500 फिलिपिनो शामिल थे।
अमेरिका में रहने वाले करीब 1.1 करोड़ अनधिकृत प्रवासियों में से एशियाई लोगों की संख्या करीब 17 लाख है। इनमें 7.25 लाख भारतीय और 3.75 लाख चीन के नागरिक हैं। दोनों देशों के प्रवासियों की संख्या हाल के समय में काफी बढ़ी है। भारतीय से अमेरिका आकर शरण आवेदन देने वालों की संख्या में भी काफी इजाफा हुआ है। इनमें गुजरात के मूल निवासियों की संख्या अधिक है।
आंकड़े बताते हैं कि अमेरिका आकर शरण मांगने वाले भारतीयों की संख्या में 2021 से 2023 के बीच 855% की बढ़ोतरी हुई है। 2023 से 2024 के बीच चीन से भी 56,000 अनियमित प्रवासी अमेरिका पहुंचे हैं। दक्षिण कोरिया के अनिर्दिष्ट प्रवासियों की संख्या अनुमानित 110,000 हैं।
ट्रम्प की वापसी के साथ ही इनके जैसे तमाम देशों के प्रवासियों को अनिश्चित भविष्य का सामना करना पड़ रहा है। ट्रम्प ने निर्वासन नीतियों को कड़ा बनाने और इन लोगों को देश से बाहर करने की कसम खाई है।
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