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भारतीय-अमेरिकी काश पटेल बनेंगे एफबीआई डायरेक्टर, जानें ट्रम्प ने क्यों सौंपा इतना अहम पद

काश पटेल की अगुआई में एफबीआई में बड़े बदलाव देखने को मिल सकते हैं। वह एफबीआई को जासूसी भूमिका से अलग करने का इरादा पहले ही जाहिर कर चुके हैं।

काश पटेल ट्रम्प के पिछले कार्यकाल में काफी अहम पदों पर रह चुके हैं। / REUTERS/Go Nakamura

अमेरिका की आगामी डोनाल्ड ट्रम्प सरकार में भारतीय मूल के एक और शख्स को अहम पद मिलने जा रहा है। ये हैं काश पटेल। नवनिर्वाचित रिपब्लिकन राष्ट्रपति ट्रम्प ने कहा है कि वह चाहते हैं कि पूर्व राष्ट्रीय सुरक्षा अधिकारी और वफादार काश पटेल एफबीआई की अगुआई करें। 

काश पटेल ट्रम्प के पहले कार्यकाल के दौरान राष्ट्रीय खुफिया निदेशक और रक्षा मंत्री दोनों के सलाहकार रहे थे। पटेल के नामांकन से ट्रम्प ने संकेत दिया है कि वह रिपब्लिकन क्रिस्टोफर व्रे को एफबीआई से बाहर करने की अपनी धमकी पर अमल करने का मन बना चुके हैं। 

क्रिस्टोफर व्रे को ट्रम्प ने ही नियुक्त किया था। उनका 10 साल का कार्यकाल अभी 2027 तक बचा हुआ है। एफबीआई निदेशकों का कार्यकाल 10 साल का रखा जाता है ताकि राजनीति बदलाव से उन्हें दूर रखा जा सके।

44 वर्षीय काश पटेल इससे पहले एक फेडरल पब्लिक डिफेंडर और फेडरल प्रॉसिक्यूटर रह चुके हैं। वह हाउस इंटेलिजेंस कमेटी के अध्यक्ष डेविन नून्स के सहयोगी भी रहे हैं। 

इस भूमिका में उन्होंने 2016 के चुनावों के दौरान ट्रम्प और रूस के संबंधों की एफबीआई जांच पर विचार के लिए बनी हाउस रिपब्लिकन कमिटी का प्रमुख बनने के भी प्रयास किए थे। बाद में उनके ऊपर ट्रम्प और यूक्रेन के बीच बैक चैनल बातचीत का सूत्र बनने के भी आरोप लगे थे। 

जनवरी 2021 में जब ट्रम्प ने राष्ट्रपति पद छोड़ा था, तब काश पटेल उन चुनिंदा लोगों में शामिल थे जिन्हें ट्रम्प ने राष्ट्रपति कार्यालय के रिकॉर्ड देखने के लिए प्रतिनिधि नामित किया था। 

बाद में पटेल समेत कुछ अधिकारियों ने दावा किया था कि ट्रम्प ने सभी खुफिया दस्तावेजों को सार्वजनिक कर दिया था। बाद में पटेल को जांच के लिए ग्रैंड ज्यूरी के सामने पेश होने का समन भी भेजा गया था।

एक नागरिक के रूप में काश पटेल ने 'गवर्नमेंट गैंगस्टर्स' नामक किताब लिखी थी। ट्रम्प ने 2023 में इसके बारे में कहा था कि इस किताब का उपयोग 'डीप स्टेट शासनकाल को खत्म करने के रोडमैप' के रूप में किया जाएगा।

काश पटेल की अगुआई में एफबीआई में बड़े बदलाव देखने को मिल सकते हैं। वह एफबीआई को उसकी जासूसी भूमिका से अलग करने का इरादा पहले ही जाहिर कर चुके हैं। वह ये भी कह चुके हैं कि जो कर्मचारी ट्रम्प के एजेंडे का समर्थन नहीं करेगा, उसे बाहर कर दिया जाना चाहिए। 

कंजरवेटिव शॉन रयान शो के साथ सितंबर के एक इंटरव्यू में पटेल ने कहा था कि मैं पहले ही दिन एफबीआई की हूवर बिल्डिंग को बंद कर दूंगा और अगले दिन इसे एक संग्रहालय के रूप में खोलूंगा। मैं उस इमारत में काम करने वाले 7,000 कर्मचारियों को वहां से हटाकर पूरे अमेरिका में अपराधियों को पकड़ने के काम में लगाऊंगा। 

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