न्यूयॉर्क यूनिवर्सिटी में भारतीय मूल के दो अमेरिकी प्रोफेसरों को अपने रिसर्च पेपर के लिए उल्लेखनीय उपलब्धि हासिल हुई है। विरल वी. आचार्य और राहुल सतीजा को उन सर्वोच्च एक प्रतिशत शोधार्थियों में शुमार किया गया है, जिनके शोध पत्रों को सबसे ज्यादा उद्धृत किया जाता है।
क्लैरिवेट एनालिटिक्स की 2023 की हाईली साइटेड रिसर्चर्स की सूची में न्यूयॉर्क यूनिवर्सिटी के 22 फैकल्टी मेंबर्स ने जगह बनाई है, जिसमें भारतीय मूल के विरल और राहुल भी हैं। इस वार्षिक सूची में उन शोधकर्ताओं को जगह दी जाती है जिन्होंने अपने प्रभावशाली पेपर्स के जरिए महत्वपूर्ण और व्यापक प्रभाव प्रदर्शित किया है और जिन्हें अक्सर अन्य शोधकर्ताओं द्वारा उद्धृत किया जाता है। क्लैरिवेट के अनुसार, दुनिया में 1,000 वैज्ञानिकों एवं समाज विज्ञानियों में से औसतन एक को उच्च उद्धृत शोधकर्ता में शुमार किया जाता है।
भारतीय अमेरिकी विरल आचार्य न्यूयॉर्क यूनिवर्सिटी के स्टर्न स्कूल ऑफ बिजनेस के फाइनैंस विभाग में इकनोमिक्स के सीवी स्टार प्रोफेसर हैं। राहुल सतीजा बायलॉजी, आर्ट्स एवं साइंस के एसोसिएट प्रोफेसर हैं और न्यूयॉर्क जीनोम के कोर फैकल्टी मेंबर भी हैं।
विरल आचार्य इससे पहले 23 जनवरी 2017 से लेकर 23 जुलाई 2019 तक भारतीय रिजर्व बैंक में डिप्टी गवर्नर भी रहे हैं। इस दौरान वह मौद्रिक नीति, वित्तीय बाजारों एवं वित्तीय स्थायित्व एवं शोध मामलों के इंचार्ज थे। वह फेडरल रिजर्व बैंक ऑफ शिकागो, क्लीवलैंज, न्यूयॉर्क और फिलाडेल्फिया के अकैडमिक एडवाइजर और गवर्नर बोर्ड के सदस्य भी रहे हैं।
प्रोफेसर राहुल सतीजा ड्यूक यूनिवर्सिटी के ग्रैजुएट और रोड्स स्कॉलर हैं। उन्होने ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी से पीएचडी उपाधि ली है। वह एनवाईयू के लैंगोन मेडिकल सेंटर में एसोसिएट फैकल्टी रहे हैं और इंस्टीट्यूट फॉर सिस्टम्स जेनेटिक्स में कार्यरत हैं। वह न्यूयॉर्क जीनोम सेंटर के मुख्य सदस्य भी हैं।
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