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दिल की बीमारी से बचाव, UCLA का साउथ एशियन अमेरिकंस के लिए खास प्रोग्राम

दिल की बीमारियां साउथ एशियन अमेरिकंस की सेहत के लिए एक बड़ी चुनौती बनती जा रही हैं। कम उम्र में ही दिल से जुड़ी समस्याओं का सामना करने वालों की तादाद बढ़ती जा रही है। इस समस्या से निपटने के लिए, UCLA हेल्थ ने एक प्रोग्राम शुरू किया है। 

इस प्रोग्राम की अगुवाई भारतीय मूल के कार्डियोलॉजिस्ट डॉक्टर रवि दवे कर रहे हैं। / UCLA Health

UCLA हेल्थ, यूनिवर्सिटी ऑफ कैलिफोर्निया, लॉस एंजिल्स से जुड़ा एक पब्लिक हेल्थकेयर सिस्टम है। इसने साउथ एशियन अमेरिकंस में दिल की बीमारियों के अधिक होने के मसले को सुलझाने के लिए एक खास प्रोग्राम शुरू किया है। ये पहल भारतीय मूल के एक कार्डियोलॉजिस्ट डॉक्टर रवि दवे के नेतृत्व में चल रही है। साउथर्न कैलिफोर्निया में यह अपनी तरह का इकलौता प्रोग्राम है। यह प्रोग्राम साउथ एशियन लोगों के लिए दिल की सेहत से जुड़ी खास देखभाल मुहैया कराता है।

स्टडीज बताती हैं कि साउथ एशियन अमेरिकंस को वाइट अमेरिकंस और दूसरे एथनिक ग्रुप्स के मुकाबले दिल की बीमारी होने का खतरा तीन से चार गुना अधिक होता है। अक्सर उन्हें कम उम्र में ही दिल से जुड़ी परेशानियां होती हैं। 

साउथ एशियन अमेरिकंस में दिल की बीमारियां कई खास चुनौतियां पेश करती हैं। इनमें डायबिटीज, हाई कोलेस्ट्रॉल और मेटाबॉलिक सिंड्रोम का अधिक होना शामिल है। ये समस्याएं अक्सर उन लोगों में भी दिखती हैं जो मोटे नहीं होते। UCLA हेल्थ का प्रोग्राम रोकथाम से जुड़ी कार्डियोलॉजी, खास तरह की जांच और अच्छे इलाज को मिलाकर इन रिस्क फैक्टर्स के हिसाब से इलाज देता है।

इस प्रोग्राम में रोकथाम से जुड़ी कार्डियोलॉजी को कल्चर के हिसाब से जीवनशैली में सुधार के सुझावों के साथ जोड़ा गया है। ये बात समझी जाती है कि खानपान, एक्सरसाइज की आदतें और जेनेटिक कारण दिल की बीमारियों का खतरा बढ़ाते हैं। UCLA हेल्थ के स्पेशलिस्ट ब्लड ग्लूकोज टेस्ट, लिपिड पैनल और कोरोनरी कैल्शियम इमेजिंग जैसे टेस्ट करते हैं। अक्सर 18 साल की उम्र से ही जांच शुरू कर देते हैं। डॉक्टर्स का मकसद खतरे के कारणों को जल्दी पहचानकर, दिल और खून की नलियों को होने वाले नुकसान से पहले ही इलाज शुरू करना है। 

UCLA हेल्थ का विविध तरीका कार्डियोलॉजिस्ट्स के साथ-साथ एंडोक्रिनोलॉजिस्ट्स, नेफ्रोलॉजिस्ट्स और बिहेवियरल हेल्थ स्पेशलिस्ट्स को एक साथ लाता है ताकि पूरी तरह से देखभाल मिल सके। यह बात समझते हुए कि जीवनशैली का अहम रोल है, ये प्रोग्राम UCLA सेंटर फॉर ह्यूमन न्यूट्रिशन के एक्सपर्ट्स से खास एक्सरसाइज प्लान और पोषण संबंधी सलाह भी देता है।

इस प्रोग्राम का नेतृत्व करने वालों में डॉक्टर रवि एच. दवे, डॉक्टर ओल्के अक्सॉय, डॉक्टर आसिम रफीक और डॉक्टर जस्टिन जे. स्लेड शामिल हैं। इन सभी को साउथ एशियन मरीजों में दिल की बीमारियों के इलाज का बहुत अनुभव है।

जिन साउथ एशियन अमेरिकंस के परिवार में दिल की बीमारी का इतिहास रहा है, जिन्हें पहले दिल से जुड़ी कोई परेशानी हुई है या जिनमें डायबिटीज और हाई ब्लड प्रेशर जैसे रिस्क फैक्टर्स हैं, उन्हें जांच करवाने के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है। चूंकि इस कम्युनिटी में दिल की बीमारियां दस साल पहले भी शुरू हो सकती हैं, इसलिए UCLA हेल्थ की ये पहल दिल से जुड़ी समस्याओं में असमानता को कम करने की दिशा में एक अहम कदम है। 

 

 

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