ब्रिटेन के आम चुनावों में करारी हार के बाद भले ही भारतीय मूल के प्रधानमंत्री ऋषि सुनक को इस्तीफा देना पड़ा हो, लेकिन इस बार रिकॉर्ड संख्या में भारतवंशी सांसद यूके की संसद में पहुंचे हैं।
इस साल भारतीय मूल के 107 ब्रिटिश उम्मीदवारों ने हाउस ऑफ कॉमन्स के चुनाव में अपनी किस्मत आजमाई थी। इनमें से भारतीय मूल के करीब 26 सांसद निर्वाचित होने में कामयाब रहे हैं। पिछली बार कुल 15 भारतवंशी ब्रिटिश सांसद हाउस ऑफ कॉमन्स पहुंचे थे।
ऋषि सुनक ने भले ही पार्टी की करारी हार के बाद प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया है, मगर उन्होंने यॉर्कशायर में रिचमंड और नॉर्थलेर्टन से निर्णायक जीत हासिल की है। अपनी सीटें कायम रखने वाले प्रमुख ब्रिटिश भारतीय सांसदों में पूर्व गृह मंत्री सुएला ब्रेवरमैन और प्रीति पटेल शामिल हैं।
रिपोर्ट्स के अनुसार, गगन मोहिंद्रा ने कंजर्वेटिव पार्टी के टिकट पर साउथ वेस्ट हर्टफोर्डशायर से जीत हासिल की है। शिवानी राजा ने लीसेस्टर ईस्ट से बढ़त बनाई है, जहां उनका मुकाबला भारतीय मूल के लेबर उम्मीदवार राजेश अग्रवाल से था।
लेबर पार्टी की सीमा मल्होत्रा ने फेल्टहैम और हेस्टन निर्वाचन क्षेत्र में बड़े अंतर से जीत हासिल की है। कीथ वाज की बहन गोवा मूल की वैलेरी वाज ने वाल्साल और ब्लॉक्सविच में जीत हासिल की है। लिसा नंदी ने विगन में जीत का परचम फहराया है।
ब्रिटिश सिख सांसद प्रीत कौर गिल ने बर्मिंघम एजबेस्टन में फर्स्ट टाइमर टोरी अशरफ संघा को हराया है। लेबर पार्टी के तनमनजीत सिंह धेसी स्लो में अपनी सीटें पर फिर से निर्वाचित हुए हैं। नवेंदु मिश्रा (स्टॉकपोर्ट) और नादिया व्हिटोम (नॉटिंघम पूर्व) भी बहुमत के साथ विजयी हुए हैं।
इनके अलावा जस अठवाल (इलफोर्ड साउथ), बैगी शंकर (डर्बी साउथ), सतवीर कौर (साउथेम्प्टन टेस्ट), हरप्रीत उप्पल (हडर्सफील्ड), वारिंदर जस (वॉल्वरहैम्प्टन वेस्ट), गुरिंदर जोसन (स्मेथविक), कनिष्क नारायण (वेल ऑफ ग्लैमरगन), सोनिया कुमार (डडले), सुरीना ब्रैकेनब्रिज (वॉल्वरहैम्प्टन नॉर्थ ईस्ट), किरिथ एंटविसल (बोल्टन नॉर्थ ईस्ट) भी अपनी छाप छोड़ने में सफल रहे हैं।। जीवन संधेर (लॉफबोरो) और सोजन जोसेफ (एशफोर्ड) भी संसद पहुंच गए हैं।
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