आम आदमी पार्टी के नेता अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी और भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस पार्टी के फंड फ्रीज करने को लेकर अमेरिकी विदेश मंत्रालय की टिप्पणी पर भारत ने तीखी प्रतिक्रिया देते हुए इसे अवांछित और अस्वीकार्य करार दिया है।
भारतीय विदेश मंत्रालय का यह बयान अमेरिका द्वारा इस मसले पर दूसरी बार की गई टिप्पणी के जवाब में आया है। अमेरिकी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता मैथ्यू मिलर ने बुधवार रात ब्रीफिंग में केजरीवाल और कांग्रेस से जुड़े मामले के संदर्भ में कहा था कि हम अपने पहले के रुख पर कायम हैं। इससे किसी को दिक्कत नहीं होनी चाहिए। हम उम्मीद करते हैं कि इन मामलों में निष्पक्ष, पारदर्शी और समय पर कानूनी प्रक्रिया पूरी होगी।
इस पर भारतीय विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा है कि अमेरिका के बयान पर भारत एक दिन पहले ही आपत्ति जता चुका है। अमेरिकी विदेश मंत्रालय का नया बयान अवांछनीय है। हमारी चुनावी और न्यायिक प्रक्रियाओं पर किसी तरह का बाहरी दखल या टिप्पणी स्वीकार्य नहीं है।
उन्होंने आगे कहा कि भारत में कानूनी प्रक्रिया नियमों के अनुसार ही चलती है। किसी भी लोकतांत्रिक देश को, जिसके मूल्य भारत की तरह हों, इस बात को स्वीकार करने में दिक्कत नहीं होनी चाहिए। भारत को अपने स्वायत्त और मजबूत लोकतांत्रिक संस्थानों पर गर्व है। हम उन्हें सुरक्षित रखने और बाहरी प्रभाव से बचाए रखने के लिए प्रतिबद्ध हैं।
इससे पहले 26 मार्च को भी अमेरिका ने केजरीवाल की गिरफ्तारी को लेकर बयान दिया था। उस समय अमेरिकी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा था कि हमारी सरकार केजरीवाल की गिरफ्तारी से संबंधित मामले पर नजर बनाए हुए है। इस मामले की निष्पक्ष जांच होनी चाहिए। कानून और लोकतांत्रिक मूल्यों का पालन किया जाना चाहिए।
अमेरिका के इस बयान पर भारत ने अमेरिकी डिप्टी चीफ ऑफ मिशन ग्लोरिया बारबेना को तलब करके विरोध दर्ज कराया था। मंत्रालय ने कहा था कि भारत में कानूनी कार्रवाई पर अमेरिकी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता का बयान सही नहीं है। कूटनीति में उम्मीद की जाती है कि देश एक-दूसरे के आंतरिक मसलों और संप्रभुता का सम्मान करेंगे। अगर दोनों देश लोकतांत्रिक हों तो इसकी उम्मीद बढ़ जाती है। ऐसा न होने पर अव्यवस्था की स्थिति बन सकती है।
याद दिला दें दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को आबकारी नीति मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने 21 मार्च को गिरफ्तार कर लिया था। ईडी के अनुसार, केजरीवाल पर 100 करोड़ रुपये की रिश्वत लेने का आरोप है जिसका इस्तेमाल 2022 के गोवा विधानसभा चुनाव में पार्टी के प्रचार में किया गया था। गुरुवार को अदालत ने केजरीवाल की कस्टडी 1 अप्रैल तक बढ़ा दी।
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