अमेरिकी वायु सेना अकादमी के दक्षिण एशियाई विरासत के कैडेटों ने पिछले महीने पेंटागन के द्वितीय विश्व युद्ध हॉलवे में अमेरिकी वायु सेना कला कार्यक्रम के हिस्से के रूप में एक चित्र अनावरण के साथ भारतीय अमेरिकी अभिनेता से द्वितीय विश्व युद्ध के नायक बने साबू दस्तगीर को सम्मानित किया।
साबू को सम्मानित करने वाले कैडेटों में वायु सेना के सहायक सचिव डॉ. रवि चौधरी के साथ अनुष्का ऋषि, आदित्य नायर, ग्रेस कुरियन, स्वेता चंद्र मोहन, अनिमेष बिजावत और रेवा कालभोर शामिल थे।
सार्जेंट साबू द जंगल बुक और द थीफ ऑफ बगदाद में भूमिकाओं के लिए जाने जाने वाले हॉलीवुड स्टार रहे। दस्तगीर ने द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान अमेरिकी सेना एयर कोर में सेवा करने के लिए अपना अभिनय करियर छोड़ दिया था।
वर्ष 1944 में अमेरिकी नागरिक बनने के बाद उन्होंने प्रशांत क्षेत्र में 307वें बम ग्रुप के साथ टेल गनर के रूप में दर्जनों लड़ाकू अभियानों में उड़ान भरी, पांच एयर मेडल और वीरता के साथ विशिष्ट फ्लाइंग क्रॉस अर्जित किए। 1963 में 40 वर्ष की आयु में उनका निधन हो गया था।
दस्तगीर की कहानी को एक शक्तिशाली अनुस्मारक के रूप में वर्णित करते हुए कि 'बहादुरी की कोई सीमा नहीं होती' सिस्टम इंजीनियरिंग मेजर कैडेट तीसरी कक्षा अनुष्का ऋषि ने कहा कि सार्जेंट साबू एक ऐसे व्यक्ति थे जिन्होंने हमारे देश की सेवा में महान साहस और बलिदान का परिचय दिया। भारत में अपनी शुरुआत के बाद बी-24 लिबरेटर बमवर्षकों पर उनकी सेवा हमें याद दिलाती है कि बहादुरी की कोई सीमा नहीं होती।
अनुष्का ने दस्तगीर के योगदान को उजागर करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। सैन्य सेवा में प्रतिनिधित्व के मूल्य को रेखांकित करते हुए चौधरी ने कहा कि सेना में शामिल होने का मेरा साहस और भी मजबूत होता अगर मैंने खुद को उन सेवा सदस्यों की कहानियों में देखा होता जो विमान उड़ा रहे थे और, जिनके बारे में पढ़ते हुए मैंने अपना जीवन बिताया।
ऋषि ने कहा कि मैं सार्जेंट साबू बहादुरी की दास्तान अधिकाधिक लोगों तक पहुंचाने के मिशन पर हूं। ये कहानियां अतीत के बारे में नहीं हैं, भविष्य के बारे में हैं। कहानियां आपके बारे में हैं। मैं आभारी हूं कि हम अपनी अगली पीढ़ी के साथ अपनी विरासत, मूल्यों और नायकों की अधिक गहन समझ साझा कर सकते हैं ताकि ये सेवा करते समय हमें ताकत दे सकें।
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