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अमेरिका में भारतीय संगठनों ने किया बजट का स्वागत, बताया विदेशी निवेशक अनुकूल

USIBC और USISPF ने बजट में पेश की गई निवेशक-अनुकूल पहल के लिए मोदी प्रशासन की सराहना की है।

यूएस-इंडिया बिजनेस काउंसिल का कहना है कि वह बजट फोकस से प्रोत्साहित है। / USIBC-USISPF

अमेरिका स्थित भारतीय एडवोकेसी संगठनों ने देश में व्यापार की सहजता और एक आकर्षक निवेश गंतव्य के रूप में भारत की स्थिति को मजबूत करने पर जोर देने के लिए हाल ही में पेश किये गये भारत सरकार के बजट की सराहना की है।

बजट में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश नियमों को सुव्यवस्थित करने, अंतरराष्ट्रीय और घरेलू कंपनियों के बीच अंतर कराधान स्तर को कम करने और भारत में निवेश करने वाली विदेशी कंपनियों के लिए कर में कटौती के प्रस्ताव शामिल थे। इन उपायों से भारत को एक वैश्विक विनिर्माण केंद्र के रूप में स्थापित करने और एक प्रमुख वैश्विक खिलाड़ी बनने में इसकी यात्रा में सहायता मिलने की उम्मीद है।

पहल का स्वागत करते हुए, यूएस-इंडिया बिजनेस काउंसिल (USIBC) के राजदूत अतुल केशप ने कहा कि बजट प्रस्ताव भारत की प्रतिस्पर्धात्मकता को बढ़ाएंगे। यह विकसित देश का दर्जा प्राप्त करने के लिए महत्वपूर्ण है।

मानव पूंजी और बुनियादी ढांचे में निवेश, टैरिफ और ड्यूटी कम करने तथा राजकोषीय समेकन को बनाए रखने पर बजट के फोकस का स्वागत करते हुए केशप ने कहा कि वैश्विक मूल्य श्रृंखलाओं में भारत के एकीकरण को बढ़ाने के उपायों पर बजट के फोकस से हम बहुत प्रोत्साहित हैं।

राजदूत केशप ने आशा व्यक्त की कि प्रस्तावित कर परिवर्तन, विशेष रूप से भारत में निवेश करने वाली विदेशी कंपनियों के लिए कर कम करने और एंजेल टैक्स को समाप्त करने से भारत में महत्वपूर्ण विदेशी निवेश लाने में मदद मिलेगी।



यूएस-इंडिया स्ट्रैटेजिक पार्टनरशिप फोरम (USISPF) ने भी बजट में प्रस्तावित सराहनीय 'विकास-उन्मुख' पहल को रेखांकित किया है। USISPF ने एक बयान में कहा कि मोदी 3.0 का उद्घाटन बजट समावेशी राजकोषीय विवेक और विकासोन्मुख पहलों के बीच एक अच्छा संतुलन कायम करता है। यह भारत में व्यापार करने में आसानी बढ़ाने के कदमों के साथ घरेलू उपभोक्ताओं और विदेशी निवेशकों के भी अनुकूल है। 

USISPF ने विशेष रूप से विदेशी कंपनियों के लिए कर दरों को 40 से घटाकर 35 प्रतिशत करने के फैसले की सराहना की। संगठन के अनुसार यह कदम घरेलू और विदेशी खिलाड़ियों के बीच समानता स्थापित करता है और उम्मीद है कि इससे वे वैश्विक निवेशक आकर्षित होंगे जो अपनी अंतरराष्ट्रीय आपूर्ति श्रृंखला को चीन से दूर स्थानांतरित करना चाहते हैं। .



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