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भारतीय-अमेरिकी राज पारेख बने कॉर्पोरेट एनफोर्समेंट के पहले प्रमुख, वाणिज्य विभाग का बड़ा ऐलान

राज पारेख कॉर्पोरेट जांच गतिविधियों की अगुआई करेंगे। वह बीआईएस के विशेष एजेंटों, वाणिज्य विभाग के उद्योग एवं सुरक्षा के चीफ अटॉर्नी कार्यालय और न्याय विभाग के बीच महत्वपूर्ण कड़ी होंगे।

राज पारेख इससे पहले कार्यवाहक यूनाइटेड स्टेट्स अटॉर्नी के रूप में भी कार्य कर चुके हैं। / Image - GW Alumni association

अमेरिका के वाणिज्य विभाग ने पहली पीढ़ी के भारतीय-अमेरिकी अटॉर्नी राज पारेख को कॉर्पोरेट एनफोर्समेंट का पहला प्रमुख नियुक्त किया है। यह ब्यूरो ऑफ इंडस्ट्री एंड सिक्योरिटी (BIS) के अंदर बनाई गई नई इकाई है।

राज पारेख की नियुक्ति निर्यात प्रवर्तन कार्यक्रम को बढ़ाने के विभाग के व्यापक प्रयासों का हिस्सा है। यह अमेरिकी निर्यात नियमों की निगरानी को मजबूत बनाने के लिए चल रही प्रतिबद्धता को भी दर्शाता है।

राज पारेख कॉर्पोरेट जांच गतिविधियों की अगुआई करेंगे। वह बीआईएस के विशेष एजेंटों, वाणिज्य विभाग के उद्योग एवं सुरक्षा के चीफ अटॉर्नी कार्यालय और न्याय विभाग के बीच महत्वपूर्ण इंटरफेस का भी कार्य करेंगे। उनकी जिम्मेदारियों में निर्यात प्रशासन विनियम (ईएआर) के कॉर्पोरेट उल्लंघनों में जांच को आगे बढ़ाना शामिल होगा जिससे राष्ट्रीय सुरक्षा से संबंधित निर्यात नियंत्रणों के अनुपालन में मदद मिलेगी।

निर्यात प्रवर्तन के लिए सहायक सचिव (वाणिज्य) मैथ्यू एस एक्सलरॉड ने कहा कि मौजूदा नियमों में बदलाव और कॉर्पोरेट प्रवर्तन प्रमुख के रूप में राज पारेख की नियुक्ति हमारे प्रशासनिक प्रवर्तन कार्यक्रम को मजबूत बनाने के लिए पिछले तीन वर्षों में हासिल की गई प्रगति को संस्थागत रूप देने के लिहाज से महत्वपूर्ण कदम हैं। एक्सलरॉड ने जोर देकर कहा कि निर्यात उल्लंघनों को रोकने और उल्लंघन करने वालों को जवाबदेह ठहराने के लिए मजबूत एनफोर्समेंट सिस्टम जरूरी हैं।

राज पारेख इससे पहले कार्यवाहक यूनाइटेड स्टेट्स अटॉर्नी और वर्जीनिया के पूर्वी जिले (ईडीवीए) के प्रथम सहायक संयुक्त राज्य अटॉर्नी के रूप में कार्य कर चुके हैं। इन भूमिकाओं में उन्होंने 300 से अधिक संघीय अभियोजकों और नागरिक वादियों की पैरवी की और कई हाई-प्रोफाइल मुकदमों पर काम किया। पारेख ने अपने करियर में 40 से अधिक मामलों को फैसले तक पहुंचाया है। 

वह न्याय विभाग के राष्ट्रीय सुरक्षा प्रभाग और केंद्रीय खुफिया एजेंसी में वरिष्ठ पदों पर रह चुके हैं। वाणिज्य विभाग में उनकी नियुक्ति बीआईएस द्वारा घोषित हालिया नियामक परिवर्तनों के साथ मेल खाती है, जिसमें वॉलंटरी सेल्फ डिस्क्लोजर प्रक्रिया और रिवाइज्ड पेनल्टी गाइडलाइंस के अपडेट शामिल हैं। इनका उद्देश्य कंप्लायंस को सुव्यवस्थित करना और प्रवर्तन के परिणामों को बढ़ाना है।

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