भारत के हैदराबाद में अमेरिका की महावाणिज्य दूत जेनिफर लार्सन ने AIMIM के प्रमुख और हैदराबाद से सांसद असदुद्दीन ओवैसी के आवास पर उनसे मुलाकात की। मुलाकात का उद्देश्य जाहिर नहीं किया गया, हालांकि इस पर विवाद हो गया है। ऑनलाइन कई लोग इस बैठक की मंशा पर सवाल उठाए हैं और इसे बांग्लादेश में हिंसा से जोड़कर कमेंट कर रहे हैं।
कॉन्सुल जनरल लार्सन ने सोमवार को बैठक के बाद ओवैसी के साथ एक्स पर अपनी एक तस्वीर साझा की। लार्सन ने पोस्ट में ओवैसी को आतिथ्य और तमाम मुद्दों व चिंताओं पर अपने विचार साझा करने के लिए धन्यवाद दिया। उन्होंने आगे भी इस तरह की मुलाकात के संकेत दिए। लार्सन की पोस्ट को हैदराबाद के सांसद ने रीट्वीट किया।
Thank you, Member of Parliament and leader of AlMIM @asadowaisi for your kind hospitality and for sharing your informed and important views on a range of shared issues and concerns. I look forward to continuing our discussions! #USIndiaFWD pic.twitter.com/WsDTVzKI0h
— Consul General Jennifer Larson (@USCGHyderabad) August 12, 2024
इस मुलाकात पर कुछ सोशल मीडिया यूजर्स ने सवाल उठाए। एक यूजर ने तो इसके जरिए बांग्लादेश की तरह भारत में तख्तापलट के प्रयास का आरोप लगा दिया। एक अन्य यूजर ने पश्चिम बंगाल में राजनीतिक बदलाव की आशंका से जोड़ते हुए अमेरिका से सावधान रहने की बात कह दी। उसने प.बंगाल में पूर्व मुख्यमंत्री बुद्धदेव भट्टाचार्य की सरकार गिराने के लिए अमेरिका और जर्मनी के राजदूतों पर आरोप भी लगाया।
एक यूजर ने अमेरिका पर भारत की राजनीति में दखलंदाजी का आरोप मढ़ा तो कइयों ने अमेरिका से सावधान रहने की बात कही। कुछ यूजर्स ने ओवैसी पर भी निशाना साधा। एक यूजर ने डोनाल्ड ट्रम्प को अमेरिका का अगला राष्ट्रपति बताते हुए ऐसी मुलाकातों का नोटिस लेते हुए कार्रवाई की मांग भी कर दी।
हालांकि बता दें कि यह पहली बार नहीं है जब अमेरिकी कॉन्सुल जनरल लार्सन ओवैसी के आवास पर गई हैं। पिछले साल अप्रैल में उन्होंने हैदराबाद के सांसद ओवैसी द्वारा आयोजित इफ्तार पार्टी में हिस्सा लिया था। इसे दोनों के बीच राजनयिक जुड़ाव का संकेत माना गया था।
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