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डोवाल को समन देने के पन्नू के दावे को अमेरिकी अदालत ने किया खारिज

अमेरिका की एक अदालत ने 19 मार्च को अलगाववादी गुरपतवंत सिंह पन्नू के दावे को खारिज कर दिया। जज कैथरीन ने अपने आदेश में लिखा, कोर्ट ने ऊपर दिया गया पत्र और उसके साथ लगे दस्तावेज देखे हैं। कोर्ट ने पाया है कि समन नहीं दिया गया।

भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोवाल और अलगाववादी गुरपतवंत सिंह पन्नू। / Reuters

अमेरिका की एक अदालत ने 19 मार्च को सिख अलगाववादी गुरपतवंत सिंह पन्नू के दावे को खारिज कर दिया। पन्नू ने दावा किया था कि उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी के साथ अमेरिका दौरे पर आए भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोवाल को कोर्ट का समन दिया था। पन्नू के वकीलों ने न्यू यॉर्क की एक डिस्ट्रिक्ट कोर्ट की जज कैथरीन पोल्क फैला को लिखे खत में दावा किया था कि उन्होंने 12 और 13 फरवरी को ब्लेयर हाउस में डोवाल को कोर्ट का समन सौंपा था। लेकिन अदालत ने इस दावे को मानने से इनकार कर दिया। 

जज कैथरीन ने अपने आदेश में लिखा, 'कोर्ट ने ऊपर दिया गया पत्र और उसके साथ लगे दस्तावेज देखे हैं। कोर्ट ने पाया है कि समन नहीं दिया गया। कोर्ट के आदेश के मुताबिक, शिकायत होटल के मैनेजमेंट या स्टाफ के किसी सदस्य या डिफेंडेंट (डोवाल) की सुरक्षा में तैनात किसी अधिकारी या एजेंट को नहीं दी गई।'

पिछले साल अगस्त में, न्यू यॉर्क की एक कोर्ट ने डोभाल को समन जारी किया था। ये समन पन्नू की तरफ से दायर एक मुकदमे से जुड़ा था। इस मुकदमे में आरोप लगाया गया था कि एक भारतीय अधिकारी ने अमेरिकी जमीन पर एक अमेरिकी नागरिक की हत्या की कोशिश में शामिल था। भारत ने इन आरोपों को खारिज किया है और इसकी जांच कर रहा है।

18 फरवरी के एक खत में पन्नू के प्रतिनिधि ने दावा किया कि उन्होंने डोवाल को समन सफलतापूर्वक दे दिया था। लेकिन सचिवालय एजेंट्स ने समन की कॉपी लेने से मना कर दिया और उन्हें अरेस्ट करने की धमकी दी। इसके बाद प्रक्रिया सर्वर 12 फरवरी को ब्लेयर हाउस के पास से चला गया।

अगले दिन 13 फरवरी को दोपहर 12:15 बजे एक दूसरा प्रोसेस सर्वर ब्लेयर हाउस पर डोवाल को समन देने पहुंचा। वहां फिर से सीक्रेट सर्विस के एजेंट्स ने उसे रोक दिया और कोई भी कागज लेने से इनकार कर दिया। फिर उसने लेटर को रोड के दूसरी तरफ स्टारबक्स पर छोड़ दिया और एजेंट्स को इसके बारे में बता दिया। डोवाल को समन ईमेल के जरिए भी भेजा गया, वो भी ब्लेयर हाउस के ऑफिशियल ईमेल पर, जहां उन्हें लगता था कि डोवाल ठहरे हुए हैं। 

26 फरवरी के खत में कहा गया है, 'पन्नू आदरपूर्वक कहना चाहते हैं कि डिफेंडेंट को समन दे दिया गया है। कोर्ट के आदेश में कहा गया है कि समन और शिकायत की कॉपी 'अन्य बातों के अलावा, सीक्रेट सर्विस के स्पेशल एजेंट्स' को देकर समन की प्रक्रिया पूरी की जा सकती है।'

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जब राष्ट्रपति ट्रम्प के बुलावे पर अमेरिका गए थे तब भारतीय प्रतिनिधिमंडल में राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार डोवाल भी शामिल थे। 13 फरवरी को जब मोदी और ट्रम्प की व्हाइट हाउस के ओवल ऑफिस में मुलाकात हुई, तब डोवाल को विदेश मंत्री एस जयशंकर के साथ पेश किया गया था। जब मोदी ने अमेरिका के दूसरे नेताओं से मुलाकात की, तब डोवाल ब्लेयर हाउस में मौजूद थे। लेकिन इस बात की कोई पुष्टि नहीं है कि वे ब्लेयर हाउस में रुके भी थे या नहीं। 

 

 

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