अमेरिका के राष्ट्रपति चुनावों की धार अब तीखी होने लगी है। रिपब्लिकन प्रत्याशी डोनाल्ड ट्रम्प और डेमोक्रेट उम्मीदवार कमला हैरिस के बीच जुबानी जंग भी तेज हो गई है। दोनों के बीच पहली बार अगले महीने प्रेसिडेंशियल डिबेट होनी है। अब खबरें आ रही हैं कि इस डिबेट के लिए अपनी तैयारियों को धार देने के लिए ट्रम्प ने पूर्व भारतवंशी हिंदू सांसद तुलसी गबार्ड की मदद लेने का फैसला किया है।
सीएनएन के अनुसार, तुलसी गबार्ड हवाई से सांसद रही हैं। वह 2020 में डेमोक्रेटिक पार्टी की राष्ट्रपति पद की उम्मीदवार बनने के लिए भी रेस में उतरी थीं। उपराष्ट्रपति पद के लिए उन्होंने कमला हैरिस की उम्मीदवारी से भी मुकाबला किया था। अब ट्रम्प ने उन्हीं की मदद से हैरिस को जवाब देने की तैयारी कर रहे हैं।
टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट बताती है कि तुलसी गबार्ड हवाई से चार बार कांग्रेस में जा चुकी हैं। पहले वह डेमोक्रेटिक पार्टी की कट्टर समर्थक थीं, लेकिन बाद में मतभेद के चलते उन्होंने अलग रास्ता अपना लिया। बताया जाता है कि नेशनल सिक्योरिटी के मसले पर उनकी राय डेमोक्रेट्स के बजाय ट्रम्प कैंप से ज्यादा मिलती है। इस बार ट्रम्प की रनिंग मेट बनने के लिए भी उन्होंने जेडी वेंस से फाइट की थी।
टीओआई के अनुसार, अमेरिकन समोआ में जन्मी तुलसी की मां भारतीय मूल की हैं। उन्होंने अपनी भारतवंशी मां से प्रभावित होकर हिंदू धर्म अपना लिया था। वह इस्कॉन से भी जुड़ी रही हैं।
जो बाइडेन के रेस से हटने के बाद ट्रम्प और हैरिस के बीच अगले महीने डिबेट होनी है। ये डिबेट हार्वर्ड यूनिवर्सिटी के वॉशिंगटन डीसी स्थित ऐतिहासिक ब्लैक कॉलेज में होगी। हैरिस चार दशक पहले इस कॉलेज की छात्रा रह चुकी हैं। ये हैरिस और ट्रम्प के बीच पहली प्रेसिडेंशियल डिबेट होगी।
कहा जा रहा है कि ट्रम्प ने 27 जून को राष्ट्रपति बाइडेन के साथ हुई डिबेट के लिए ज्यादा तैयारी नहीं की थी। लेकिन कमला हैरिस के मैदान में आने के बाद से परिस्थितियां काफी बदल चुकी हैं। अब ज्यादातर पोल्स में हैरिस को आगे बताया जा रहा है। हैरिस राष्ट्रीय स्तर पर और मुकाबले वाले राज्यों में भी ट्रम्प से आगे बताई जा रही हैं।
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