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USISPF ने की वाइब्रेंट गुजरात ग्लोबल समिट में भागीदारी की घोषणा

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार USISPF को सेल्सफोर्स, एबट, ब्लैकस्टोन, एचएसबीसी, यूपीएस, माइक्रोन, सिस्को, एसएचआरएम जैसी 35 से अधिक फॉर्च्यून अमेरिकी कंपनियों के एक प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व करने का अवसर हासिल हुआ है।

वाइब्रेंट गुजरात शिखर सम्मेलन गुजरात सरकार का एक प्रमुख कार्यक्रम है। / Image : X@VibrantGujarat

यूएस-इंडिया स्ट्रैटेजिक पार्टनरशिप फोरम (USISPF) ने पश्चिमी भारत के गांधीनगर शहर में 10 से 12 जनवरी के बीच आयोजित होने वाले वाइब्रेंट गुजरात ग्लोबल समिट, 2024 में अपनी भागीदारी की घोषणा की है।  

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार USISPF को सेल्सफोर्स, एबट, ब्लैकस्टोन, एचएसबीसी, यूपीएस, माइक्रोन, सिस्को, एसएचआरएम जैसी 35 से अधिक फॉर्च्यून अमेरिकी कंपनियों के एक प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व करने का अवसर हासिल हुआ है। इन कंपनियों की गुजरात में निवेश बढ़ाने की भी योजना है। प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व एमर्सन के अध्यक्ष और CEO लाल करसनभाई और सह-नेतृत्व USISPF के अध्यक्ष और CEO डॉ. मुकेश अघी करेंगे।

फोकस क्षेत्रों में हाई-टेक विनिर्माण क्षेत्र में भारत की बढ़ती गति का लाभ उठाना शामिल है। विशेष रूप से सेमी कंडक्टर और चिप निर्माण के साथ-साथ ऊर्जा संक्रमण, रसायन और औद्योगिक विनिर्माण, एयरोस्पेस और रक्षा के महत्वपूर्ण क्षेत्रों में रफ्तार बढ़ाने का इरादा है। 

तमाम कंपनियां गुजरात इंटरनेशनल फाइनेंस टेक-सिट (GIFT) शहर के आर्थिक परिदृश्य पर निर्माण करने के अवसरों की भी उत्सुकता से तलाश कर रही हैं। शिखर सम्मेलन में भागीदारी के हिस्से के रूप में USISPF 11 जनवरी को दो व्यावहारिक पैनल चर्चाओं की मेजबानी करेगा।

गुजरात समिट में भागीदार संगठन की भूमिका पर USISPF के अध्यक्ष और CEO डॉ. मुकेश अघी ने कहा कि गुजरात में वापस आना अद्भुत है और USISPF में हमारे लिए एक सम्मान की बात है कि हम एक मजबूत राज्य गुजरात के विकास में निवेश और योगदान करने के लिए अमेरिकी कंपनियों के एक प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व करेंगे। गुजरात एक ऐसा शहर है जहां उद्यमिता की भावना हर ओर है। 

वाइब्रेंट गुजरात शिखर सम्मेलन गुजरात सरकार का एक प्रमुख कार्यक्रम है। यह एक निवेशक शिखर सम्मेलन है जिसकी सफलता का नेतृत्व भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अपने मुख्यमंत्रित्व काल के दौरान व्यक्तिगत रूप से किया था और यह सराहनीय है कि शिखर सम्मेलन दो दशकों से भी कम समय में इतना आगे बढ़ गया है।

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