भारत में अपनी हालिया यात्रा के दौरान अमेरिकी ऊर्जा संसाधन सहायक राज्य सचिव जेफ्री आर पायट ने ऊर्जा क्षेत्र में भारत के बढ़ते कदमों की सराहना की है। पायट ने कहा कि इलेक्ट्रिक वाहन सेगमेंट के साथ-साथ ऊर्जा सप्लाई चेन में चीनी प्रभुत्व को कम करने की दिशा में भारतीय-अमेरिकी कंपनियां आगे बढ़ रही हैं। पायट ने सोमवार को इनफ्रास्ट्रक्चर सेक्टर में भारत की प्रगति की प्रशंसा की। ऊर्जा प्राथमिकताओं और ग्लोबल एनर्जी ट्रांजिशन के लिए महत्वपूर्ण खनिजों से जुड़े अवसरों एवं चुनौतियों के बारे में अपने विचार साझा किए।
एक वर्चुअल प्रेस ब्रीफिंग के दौरान पायट ने अपनी हालिया भारत यात्रा पर विचार साझा करते हुए कहा कि भारत की प्रगति को देखना चौंकाने वाला था। उन्होंने हैदराबाद में नए अमेरिकी वाणिज्य दूतावास का दौरा करने पर गर्व व्यक्त किया और इमारत को शानदार बताया। अमेरिकी अधिकारी ने ग्लोबल टेक्नोलॉजी में भारत की भूमिका की सराहना की। माइक्रोसॉफ्ट के हाइड्रोबोट कैंपस की अपनी यात्रा का हवाला दिया, जो वैश्विक स्तर पर अपनी तरह का दूसरा सबसे बड़ा परिसर है।
उन्होंने क्लीन टेक्नोलॉजी सप्लाई चेन में चीनी प्रभुत्व पर निर्भरता को कम करने के लिए संयुक्त राज्य अमेरिका के साथ साझेदारी करने वाली भारतीय कंपनियों के महत्व पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि चीन के प्रति हमारे जोखिम को कम करने के हमारे साझे हित में भारतीय कंपनियां पूरी तरह से अमेरिका के साथ जुड़ी हुई हैं।
उन्होंने कहा कि ऊर्जा सुरक्षा में हमारे हित, ग्लोबल एनर्जी मार्केट में स्थिरता, लाल सागर के आसपास की चिंताएं, ईरान की गतिविधियां, वेनेजुएला, विशेष रूप से ग्लोबल तेल बाजारों में व्यवधान को लेकर अमेरिका और भारत एक साथ मिलकर काम कर रहे हैं। उन्होंने इलेक्ट्रिक तिपहिया वाहनों के उत्पादन के लिए भारतीय कंपनियों के प्रयासों की भी सराहना की। उन्होंने कहा कि इन इलेक्ट्रिक तिपहिया वाहनों का इस्तेमाल अमेरिका के साथ-साथ न्यूयॉर्क जैसे बड़े शहरों में भी किया जा सकता है, जहां बड़े ट्रक नहीं जा सकते।
दोनों देशों के बीच विदेशी व्यापार समझौतों पर बोलते हुए पायट ने कहा कि मुझे लगता है कि हम वर्तमान में भारत के साथ किसी भी तरह के मुक्त व्यापार समझौते की बातचीत में शामिल नहीं हैं। लेकिन इसके साथ ही उन्होंने कहा कि हमारे व्यापार संबंधों को और गहरा करने के तरीके के बारे में बातचीत चल रही है। 26 से 31 जनवरी तक हुई पायट की यात्रा में नई दिल्ली और हैदराबाद में कार्यक्रम शामिल थे।
दिल्ली में पायट ने भारत-अमेरिका फोरम में भाग लेते हुए उन्होंने साझा ऊर्जा प्राथमिकताओं, चुनौतियों और अवसरों पर चर्चा की। इन चर्चाओं का उद्देश्य इस क्षेत्र में भारत और संयुक्त राज्य अमेरिका के बीच सहयोग को गहरा करना था। इसके अलावा उन्होंने इस मसले पर द्विपक्षीय एजेंडे को आगे बढ़ाने के लिए सीनियर भारतीय अधिकारियों के साथ बैठकें कीं।
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