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अमेरिकी सीमा पर बर्फ में जमे मिले भारतीय परिवार के लिए फैसले की घड़ी, सुनवाई शुरू

जनवरी 2022 में जगदीश पटेल (39), उनकी पत्नी वैशालीबेन, 11 वर्षीय बेटी विहंगी और 3 वर्षीय बेटे धार्मिक की कनाडाई-अमेरिकी सीमा के पास जीरो से नीचे तापमान में जमकर मौत हो गई थी।

सुनवाई के दौरान अंतरराष्ट्रीय मानव तस्करी को लेकर कई चौंकाने वाले खुलासे होने की संभावना है।  / Photo Credit- Pexels

जनवरी 2022 में कनाडाई-अमेरिकी सीमा पर एक भारतीय परिवार के बर्फ में जमकर मौत के मामले में फैसले की घड़ी आ गई है। मिनेसोटा की अदालत में मामले की सुनवाई शुरू हो गई है। सुनवाई के दौरान कई नए चौंकाने वाले खुलासे होने की संभावना है। 

याद दिला दें कि साल 2022 की जनवरी में जगदीश पटेल (39), उनकी पत्नी वैशालीबेन, 11 वर्षीय बेटी विहंगी और 3 वर्षीय बेटे धार्मिक की कनाडाई-अमेरिकी सीमा के पास जीरो से नीचे तापमान में जमकर मौत हो गई थी। कनाडाई अधिकारियों को 19 जनवरी 2022 को उनके जमे हुए शव मिले थे। बर्फ में जमे जगदीश ने अपने छोटे बेटे को कंबल में लपेटा हुआ था।

संघीय अभियोजकों का आरोप है कि यह मानव तस्करी का मामला था। इस तस्करी ऑपरेशन को भारतीय नागरिक हर्ष कुमार रमनलाल पटेल (29) चला रहा था। फ्लोरिडा के 50 वर्षीय स्टीव शैंड ने इसमें उसका सहयोगी था। इन्होंने ही प्रवासियों को सीमा पार पहुंचाया था। दोनों आरोपियों ने हालांकि अपने जुर्म कबूल नहीं किए हैं।

अभियोजकों का आरोप है कि हर्ष पटेल तस्करी नेटवर्क चलाता था। इसके तहत ग्राहकों को भारत में भर्ती करना, कनाडाई छात्र वीजा की व्यवस्था करना और उन्हें मिनेसोटा या वाशिंगटन के जरिए अमेरिका में तस्करी करके लाना शामिल था। अदालती दस्तावेजों में आरोप लगाया गया है कि शैंड ने ऐसी पांच यात्राओं के लिए 25,000 डॉलर कमाए।

हर्ष पटेल के वकील थॉमस लेनेनवेबर ने अपने मुवक्किल को बेगुनाह बताते हुए कहा है कि उन्हें अमेरिका की न्याय प्रणाली में भरोसा है। हमारा मानना है कि मुकदमे के दौरान सच्चाई सामने आ जाएगी। माना जा रहा है कि इस मुकदमे की सुनवाई के दौरान अंतरराष्ट्रीय तस्करी नेटवर्क के खतरनाक अभियानों को लेकर कई खुलासे हो सकते हैं। 

यह सुनवाई ऐसे समय हो रही है, जब अमेरिका में गैरकानूनी तरीके से पहुंचने वालों में भारतीयों की संख्या लगातार बढ़ रही है। अकेले 2022 में ही यूएस बॉर्डर पेट्रोल ने कनाडाई सीमा पर 14,000 से अधिक भारतीयों को गिरफ्तार किया था।  

मिनियापोलिस के इमिग्रेशन अटॉर्नी सतवीर चौधरी का कहना है कि अमेरिका में अच्छी जिंदगी जीने की उम्मीद में बहुत से लोग अपनी और अपने परिवार की गरिमा, अपनी जिंदगी को दांव पर लगा देते हैं और हर तरह के जोखिम लेने को भी तैयार हो जाते हैं। अक्सर ये खतरनाक साबित होता है। 


 

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