अमेरिकी राजनीतिक विज्ञान शोधकर्ता और विश्लेषक रिचर्ड हनानिया ने आव्रजन (इमिग्रेशन) प्रतिबंधों की आलोचना करते हुए इसे "अपमानजनक" करार दिया है। उन्होंने इसे वैज्ञानिक प्रगति और मानवता के कल्याण के विपरीत बताया, खासकर उन प्रवासी वैज्ञानिकों के योगदान के संदर्भ में, जिन्होंने दुनिया भर में लाखों लोगों की जान बचाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
हनानिया ने अपनी टिप्पणी में विशेष रूप से विनोद बालाचंद्रन का उल्लेख किया, जो mRNA वैक्सीन के माध्यम से पैंक्रियाटिक कैंसर (अग्नाशय कैंसर) के उपचार पर शोध कर रहे हैं। यह कैंसर दुनिया में सबसे घातक माने जाने वाले रोगों में से एक है, जिसमें 90% मृत्यु दर होती है।
हनानिया के अनुसार, बालाचंद्रन के नेतृत्व में किए गए शोध में चौंकाने वाले सकारात्मक परिणाम सामने आए। "इस अध्ययन से पता चला कि जिन मरीजों को इस उपचार के तहत वैक्सीन दी गई, उनमें से 75% मरीज पांच साल बाद भी जीवित और कैंसर मुक्त थे। यह किसी चमत्कार से कम नहीं है।"
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इसके विपरीत, हनानिया ने इमिग्रेशन विरोधियों की मानसिकता पर हमला करते हुए कहा, "एक व्यक्ति विज्ञान की गहराइयों में जाकर कोशिकाओं के रहस्यों को सुलझा रहा है और लाखों लोगों को जीवनदान दे रहा है, जबकि दूसरा व्यक्ति बस यह सोचकर दुखी है कि 'मुझे चाहता है कि 7/11 (सुपरमार्केट) केवल गोरों के स्वामित्व में हो।'"
हनानिया का इमिग्रेशन विरोधियों पर तीखा प्रहार
हनानिया ने आव्रजन विरोधियों की सोच को मध्यस्थता और असहिष्णुता से भरी बताते हुए कहा कि, "इमिग्रेशन प्रतिबंधों का समर्थन करने वाले लोग दूसरों से केवल इसलिए नफरत करते हैं क्योंकि वे अलग दिखते हैं या किसी अन्य देश में जन्मे हैं। यह गलत है और इसे उस मानसिकता से बदलने की जरूरत है, जो मानवता को आगे बढ़ने से रोकने वालों के खिलाफ होनी चाहिए।"
आनंद महिंद्रा ने किया समर्थन
भारतीय उद्योगपति आनंद महिंद्रा ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X (पूर्व में ट्विटर) पर हनानिया के विचारों का समर्थन किया। उन्होंने लिखा, "बहुत सही कहा!" और एक प्रसिद्ध कहावत का हवाला देते हुए लिखा, "बच्चे को नहलाने के बाद उसका पानी तो फेंक दो, लेकिन बच्चे को मत फेंको!" महिंद्रा ने आगे स्पष्ट किया, "इसका अर्थ यह है कि जब आप किसी चीज़ में बदलाव या सुधार कर रहे हों, तो कुछ बुरी चीजों को हटाने के चक्कर में किसी अच्छी या कीमती चीज़ को नष्ट न करें। हमें अपने फैसलों में सतर्कता बरतनी चाहिए ताकि कुछ अच्छा, बेहतरीन और उपयोगी तत्व बचा रहे।"
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