अमेरिका में राष्ट्रपति चुनाव को लेकर रिपब्लिकन डोनाल्ड ट्रम्प और डेमोक्रेट कमला हैरिस के बीच कांटे की टक्कर चल रही है। अमेरिका भर में मतदान के साथ मतगणना भी हो गई है और शुरुआती नतीजे भी आने शुरू हो गए हैं। हालांकि विशेषज्ञों का कहना है कि कई प्रमुख राज्यों जैसे पेंसिल्वेनिया, मिशिगन और विस्कॉन्सिन में बाजी कभी भी पलट सकती है। इसलिए शुरुआती नतीजों के आधार पर किसी की जीत मान लेना जल्दबाजी हो सकता है। 2020 के अमेरिकी चुनाव में भी डोनाल्ड ट्रम्प के साथ ऐसा हुआ था, जब कुछ राज्यों में ट्रंप आगे दिख रहे थे और उनके समर्थकों ने जीत लगभग पक्की मान ली थी, तब अचानक जो बाइडेन ने बाजी पलट दी और चुनाव जीत गए। ट्रम्प ने उस चुनाव में धांधली का आरोप लगाया था।
विशेषज्ञों का कहना है कि कई प्रमुख राज्यों में मतगणना नियमों और विचित्रताओं के कारण अमेरिका में चुनाव की बाजी कभी भी पलट सकती है। इसलिए चुनाव के इस महायुद्ध में प्रारंभिक वोट से यह समझ लेना कि कमला हैरिस जीत गईं हैं या ट्रम्प, अभी कहना जल्दबाजी होगा।
उधर, ट्रम्प की अभियान टीम ने कहा है कि वह जीत की घोषणा तब करेंगे, जब उनकी टीम को विश्वास हो जाएगा कि उन्होंने चुनाव जीतने के लिए आवश्यक 270 इलेक्टोरल वोटों को पार कर लिया है। ट्रम्प की टीम का दावा है कि इसके लिए अमेरिकियों को ज्यादा इंतजार नहीं करना पड़ेगा और जल्द ही चुनाव के नतीजे स्पष्ट हो जाएंगे।
अमेरिकी राज्य पेंसिल्वेनिया में बाजी कभी भी पलट सकती है, जैसा 2020 के चुनाव में हुआ था। तब मतदान के चार दिन बाद भी चुनाव का परिणाम घोषित नहीं हो पाया था। अधिकारियों ने स्पष्ट विजेता की घोषणा के लिए मेल मतपत्रों की दोबारा जांच की थी। यह अमेरिकी स्टेट उन गिने-चुने में से है जहां चुनावी अधिकारियों और कर्मचारियों को मतदान के दिन मतपत्रों को संसाधित करने या सारणीबद्ध करने की अनुमति नहीं देते, इसका अर्थ है कि यहां चुनाव परिणाम आने में कई दिन लग सकते हैं।
पेंसिल्वेनिया की तरह, विस्कॉन्सिन में भी चुनाव अधिकारियों को चुनाव की सुबह तक मेल मतपत्रों को संसाधित करने या गिनने की अनुमति नहीं है, इसलिए यहां भी चुनाव परिणाम आने में समय लग सकता है। 2020 के चुनाव के बाद से, मिशिगन के लोगों ने पहली बार घर से निकलकर मतदान की शुरुआत की है। अधिकारियों को उम्मीद है कि उन बदलावों से यहां 2020 की तुलना में अधिक तेजी से परिणाम सामने आ सकेंगे। फिर भी करीब 5000 लोगों ने मेल के जरिए वोट दिए हैं। चुनाव अधिकारियों को उम्मीद है कि 65% से 70% मतपत्र मतदान स्थलों पर डाले जाएंगे। इसके अलावा विदेश और अंतरिक्ष में रहने वाले अमेरिकी और सैन्य मतदाताओं के मतपत्र चुनाव के तीन दिन बाद तक स्वीकार किए जाएंगे।
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