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डेमोक्रेट सीनेटरों ने पन्नू मामले पर फिर जताई चिंता, विदेश मंत्री से मांगा जवाब

सीनेटरों ने पत्र में कहा कि वे जानना चाहते हैं कि विदेश मंत्रालय इस कथित साजिश में शामिल लोगों को जवाबदेह ठहराने के लिए भारत सरकार पर किस तरह दबाव डालने का इरादा रखता है। ऐसी घटना फिर से न हो, यह सुनिश्चित करने के लिए उसने क्या कदम उठाए हैं। 

अमेरिकी अधिकारियों का आरोप है कि भारत सरकार के एक अधिकारी ने अमेरिकी नागरिक पन्नू की हत्या की साजिश रची थी। / Image - File Photo

अमेरिका में डेमोक्रेटिक पार्टी के सीनेटरों ने अमेरिकी विदेश मंत्री एंथनी ब्लिंकन को पत्र लिखकर अमेरिकी धरती पर सिख अलगाववादी गुरपतवंत सिंह पन्नू की हत्या की कथित नाकाम साजिश में भारत सरकार की संलिप्तता के आरोपों को लेकर चिंता व्यक्त की है। 

सीनेटर जेफ मर्कले, रॉन वेडेन, टिम केन, बर्नी सैंडर्स और क्रिस वान होलेन की तरफ से लिखे गए इस पत्र में सिख अमेरिकियों को कथित तौर पर प्रताड़ित करने और उनके खिलाफ खतरों को लेकर चिंता भी जताई गई है।

सीनेटरों ने पन्नू मामले की जिक्र करते हुए लिखा कि हम राजनयिक प्रयासों से यह सुनिश्चित करने का आग्रह करते हैं कि इस मामले में जो भी शामिल थे, उन्हें जवाबदेह ठहराया जाए और भारत सरकार से हुई बातचीत पर ब्रीफिंग रखी जाए।

यह पत्र ऐसे समय लिखा गया है, जब अमेरिकी गुरपतवंत सिंह पन्नू की हत्या की साजिश रचने के आरोपी भारतीय निखिल गुप्ता ने मैनहट्टन की संघीय अदालत में 17 जून को खुद को बेकसूर बताया है। 

पिछले नवंबर में अमेरिकी अधिकारियों ने आरोप लगाया था कि भारत सरकार के अधिकारी गुप्ता ने अमेरिकी-कनाडाई नागरिक पन्नू की हत्या की साजिश रची थी। गुप्ता पिछले साल जून में भारत से प्राग गए थे। चेक अधिकारियों ने गिरफ्तारी के उन्हें 14 जून को अमेरिका प्रत्यर्पित कर दिया है। 

पत्र में डेमोक्रेटिक सीनेटरों ने इस बात पर जोर दिया कि अमेरिका और भारत के बीच सुरक्षा सहयोग, व्यापार, निवेश आदि के अलावा मजबूत सांस्कृतिक एवं लोगों के आपसी संबंध भी हैं। विश्व के दो सबसे बड़े लोकतंत्रों के तौर पर यह साझेदारी न केवल आपसी रणनीतिक हितों पर बल्कि संप्रभुता एवं व्यक्तिगत अधिकारों की आजादी सहित लोकतांत्रिक सिद्धांतों व कानून के शासन के प्रति प्रतिबद्धता पर आधारित होनी चाहिए।

सीनेटरों ने पत्र में कहा कि वे जानना चाहते हैं कि विदेश मंत्रालय इस कथित साजिश में शामिल लोगों को जवाबदेह ठहराने के लिए भारत सरकार पर किस तरह दबाव डालने का इरादा रखता है। ऐसी घटना फिर से न हो, यह सुनिश्चित करने के लिए उसने क्या कदम उठाए हैं। 
 

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