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USISPF के सालाना लीडरशिप समिट में अमेरिका-भारत संबंधों की मजबूती पर अहम चर्चा

USISPF के प्रेसिडेंट व सीईओ डॉ. मुकेश अघी ने 7वें सालाना लीडरशिप शिखर सम्मेलन की कार्यवाही की शुरुआत करते हुए कोरोना महामारी के बाद पहले व्यक्तिगत USISPF डीसी समिट में सभी का स्वागत किया।

डीसी में आयोजित USISPF के शिखर सम्मेलन में लगभग 300 लोगों ने हिस्सा लिया। / Image provided

यूएस-इंडिया स्ट्रेटेजिक पार्टनरशिप फोरम (USISPF) का सातवां सालाना लीडरशिप शिखर सम्मेलन हाल ही में वाशिंगटन डीसी में आयोजित किया गया। भारत में संसदीय चुनावों के बाद इस पहले उच्च स्तरीय संवाद में अमेरिका-भारत के बीच 21वीं सदी की सबसे महत्वपूर्ण रणनीतिक साझेदारी और स्थायी दोस्ती को और मजबूत करने जैसे विषयों पर चर्चा की गई। 
 
शिखर सम्मेलन में नीति निर्माताओं से लेकर प्रमुख व्यापारिक नेता, उच्च पदस्थ राजनीतिक हस्तियां, वरिष्ठ अधिकारी, दोनों देशों के प्रमुख हितधारक और प्रतिष्ठित नागरिक एक जगह पर जुटे। USISPF के प्रेसिडेंट व सीईओ डॉ. मुकेश अघी ने कार्यवाही की शुरुआत करते हुए कोरोना महामारी के बाद पहले व्यक्तिगत USISPF डीसी शिखर सम्मेलन में सभी का स्वागत किया।

https://youtu.be/z2jPtYij2ug

समिट में वार्ता सत्र में हिस्सा लेते अतिथिगण और उपस्थित नागरिक। / Images provided

USISPF के चेयरमैन, सिस्को के चेयरमैन एमेरिटस और जेसी2 वेंचर्स के संस्थापक सीईओ जॉन चैंबर्स ने आपसी सहयोग और प्रौद्योगिकी के भविष्य को लेकर अपनी बात रखी। उन्होंने कहा कि एआई भविष्य में सबसे मौलिक परिवर्तन होगा। एआई हर व्यवसाय और हर देश में बदलाव लाएगा। यही समय है कि सभी देश एकसाथ आएं और इसके साथ तालमेल बिठाएं। 

जॉन चेम्बर्स ने बाद में रिपब्लिकन सीनेटर स्टीव डेन्स (आर-एमटी) और डैन सुलिवन (आर-एके) के साथ वार्ता में हिस्सा लिया। सीनेटर डेन्स ने आपसी संबंधों की ताकत को रेखांकित करते हुए कृषि क्षेत्र में मोंटाना और भारत के बीच साझेदारी का जिक्र किया। उन्होंने कहा कि भारत दलहन का नंबर एक उपभोक्ता है और मोंटाना इसका सबसे बड़ा उत्पादक है। इसलिए दोनों के बीच स्वाभाविक संबंध हैं। हम दलहन पर टैरिफ कम कराने के लिए भारत सरकार के संपर्क में हैं। 

https://youtu.be/GJ--qgSIi4g

सीनेटर सुलिवन ने साझेदारी मजबूत करने पर जोर देते हुए कहा कि भारत में जबरदस्त इनोवेशन हो रहा हूं। मैंने खुद अपनी यात्राओं के दौरान यह देखा है। दुनिया के सबसे पुराने और दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र के लिए यह एक साथ रणनीतिक रूप से आगे बढ़ने का अच्छा मौका है। 

व्हाइट हाउस के वरिष्ठ अधिकारी और प्रधान उप राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जॉन फाइनर ने मास्टरकार्ड के कार्यकारी उपाध्यक्ष टकर फूटे के साथ वार्ता सत्र में हिस्सा लिया। राष्ट्रपति बाइडन की घरेलू नीति सलाहकार नीरा टंडन ने भारत में अमेरिका के पूर्व राजदूत और यूएसआईएसपीएफ के बोर्ड मेंबर टिम रोमर से बात की। 

https://youtu.be/xAfqqio-pOY

टंडन ने लोगों से लोगों के बीच संपर्क और अमेरिका-भारत रणनीतिक साझेदारी को आकार देने में प्रवासी भारतीयों की भूमिका पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि जब मैंने क्लिंटन के दौर में व्हाइट हाउस में करियर शुरू किया था तब राष्ट्रपति के कार्यकारी कार्यालय में केवल मुट्ठी भर भारतीय-अमेरिकी थे। आज मैं राष्ट्रपति को सलाह देने वाले कई भारतीय-अमेरिकियों में से एक होने पर खुद को भाग्यशाली मानती हूं।

वॉशिंगटन डीसी में भारतीय दूतावास में चार्ज डिअफेयर्स राजदूत श्रीप्रिया रंगनाथन ने अपने संबोधन में कहा कि हमारी कंपनियों को उन क्षेत्रों पर बारीकी से काम करने की आवश्यकता है, जो प्राथमिकता वाले क्षेत्र हैं। आने वाली सदी में यही हमारी सफलता तय करेगा। रक्षा, अंतरिक्ष, संचार और बायोटेक जैसे क्षेत्रों में हमारी कंपनियों को एक-दूसरे की पहली पसंद के रूप में देखा जाना चाहिए। 

USISPF की तरफ से कोहलबर्ग क्राविस रॉबर्ट्स एंड कंपनी एल.पी (KKR) के सह-संस्थापक व सह-कार्यकारी अध्यक्ष हेनरी आर. क्राविस को अमेरिका-भारत संबंधों को विस्तार देने में उनकी अटूट प्रतिबद्धता के लिए 2024 के ग्लोबल लीडरशिप अवार्ड से सम्मानित किया। क्राविस के नेतृत्व में केकेआर भारत में सबसे बड़े निवेशकों में से एक के रूप में उभरा है। उसने पिछले दो दशकों में विभिन्न क्षेत्रों में 11 बिलियन डॉलर से अधिक का निवेश किया है, जिससे हजारों नौकरियां पैदा हुई हैं और भारतीय अर्थव्यवस्था मजबूत हुई है।

https://youtu.be/QZ37t9E00VQ

क्राविस ने USISPF बोर्ड मेंबर और आईबीएम के चेयरमैन व सीईओ अरविंद कृष्णा से बातचीत में इस विषय पर मंथन किया कि वह भारत के विकास की कहानी को लेकर इतने आशावादी क्यों हैं। उन्होंने कहा कि वहां इंटरनेट पर 860 मिलियन यूजर्स हैं और बहुत से अभिनव उद्यमी भी हैं। ऐसे में भारत व्यापार करने के लिए एक शानदार देश है।

USISPF के शिखर सम्मेलन में USISPF के बोर्ड मेंबर्स, सदस्यों, अमेरिकी सरकार के अधिकारियों और भारतीय दूतावास के कर्मचारियों के अलावा मीडिया, थिंक टैंक, शिक्षाविदों और गैर-लाभकारी संस्थाओं के लगभग 300 लोगों ने हिस्सा लिया।

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