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USIBC ने भारत-अमेरिका के लिए नई रणनीति सुझाई, AI और डीप टेक में सहयोग जरूरी

USIBC की रिपोर्ट में भारत-अमेरिका के बीच AI और डीप टेक में सहयोग को बढ़ाने पर जोर दिया गया है। इसमें एक संयुक्त पब्लिक-प्राइवेट काउंसिल बनाने, STEM वीजा को आसान बनाने, ऊर्जा और रक्षा सहयोग बढ़ाने और व्यापार समझौतों को मजबूत करने की सिफारिश की गई है।

2025 में अपनी 50वीं वर्षगांठ के मौके पर USIBC ने अपनी रिपोर्ट में रिश्तों को मजबूत करने के लिए रणनीतिक कदम सुझाए हैं। / USBIC

अमेरिका-भारत व्यापार परिषद (USIBC) ने अपनी नई रिपोर्ट में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) और डीप टेक में अमेरिका और भारत के बीच मिलकर काम करने की जबरदस्त ताकत पर जोर दिया है। इस रिपोर्ट में USIBC ने ट्रम्प प्रशासन के लिए कई अहम सुझाव दिए हैं। 

रिपोर्ट की एक मुख्य सिफारिश है कि अमेरिका और भारत मिलकर एक AI और डीप टेक पब्लिक-प्राइवेट काउंसिल बनाएं। इससे AI को सही तरीके से विकसित करने में मदद मिलेगी। रिसर्च को बढ़ावा मिलेगा। इसके साथ ही हेल्थकेयर, ऑटोनॉमस सिस्टम और डीप लर्निंग जैसे अहम क्षेत्रों में स्टार्टअप्स को साथ मिलकर काम करने में मदद मिलेगी। रिपोर्ट में कहा गया है कि, 'AI एथिक्स के नियमों और साइबर सुरक्षा पर साथ मिलकर काम करने से एक सुरक्षित डिजिटल माहौल बन सकता है और नई तकनीकों को बढ़ावा मिल सकता है।'

ये पहल USIBC AI टास्क फोर्स के काम को आगे बढ़ाती है। इसका मकसद वैश्विक मानक तय करना और आर्थिक विकास और नई तकनीकों के लिए नए मौके खोलना है। USIBC ने जोर देकर कहा है कि, 'मानकों को एक जैसा करने और इंटेलेक्चुअल प्रॉपर्टी के नियमों को लागू करने से व्यापार में विश्वास बढ़ेगा। इससे दोनों देशों को नई तकनीकों का फायदा उठाने, डिजिटल व्यापार को बढ़ाने और साइबर सुरक्षा की चुनौतियों से निपटने में मदद मिलेगी।'

2025 में अपनी 50वीं वर्षगांठ के मौके पर USIBC ने अपनी रिपोर्ट में अमेरिका और भारत के व्यापारिक रिश्तों को मजबूत करने के लिए रणनीतिक कदम बताए हैं। इनमें लचीले, क्षेत्र-विशिष्ट व्यापार समझौते करना, STEM वीजा के लिए एक फास्ट-ट्रैक प्रोग्राम बनाने के साथ ही ऊर्जा सुरक्षा, सप्लाई चेन और रक्षा तकनीक में साझेदारी को मजबूत करना शामिल है।

रिपोर्ट की मुख्य सिफारिशें ये हैं:

  • व्यापार विस्तार: USIBC ने क्षेत्र-विशिष्ट व्यापार समझौते करने का आह्वान किया है जिससे अरबों डॉलर का आर्थिक फायदा हो सकता है। खासकर रक्षा, दवा और डिजिटल सेवाओं के क्षेत्र में।
  • टेक्नोलॉजी में नेतृत्व: परिषद ने AI और क्वांटम तकनीकों में संयुक्त शोध और विकास (R&D) की वकालत की है जिससे नए क्षेत्रों में नेतृत्व स्थापित हो सके।
  • STEM कार्यबल की गतिशीलता: महत्वपूर्ण परियोजनाओं पर दोनों देशों के पेशेवरों को साथ मिलकर काम करने में मदद करने के लिए एक फास्ट-ट्रैक STEM वीजा कार्यक्रम का प्रस्ताव।
  • ऊर्जा सुरक्षा: रिपोर्ट में बुनियादी ढांचे के विकास और महत्वपूर्ण खनिज सप्लाई चेन को सुरक्षित करने के लिए एक अमेरिका-भारत ऊर्जा व्यापार गठबंधन बनाने का आग्रह किया गया है।
  • रक्षा सहयोग: सिफारिशों में हिंद-प्रशांत क्षेत्र की सुरक्षा को मजबूत करने के लिए रक्षा तकनीकों में सह-उत्पादन समझौते और संयुक्त अनुसंधान और विकास शामिल हैं।
  • बुनियादी ढांचे में निवेश: USIBC ने आर्थिक विकास में तेजी लाने के लिए अरबों डॉलर की बुनियादी ढांचा परियोजनाओं को तेजी से पूरा करने का सुझाव दिया है। 

USIBC ने कहा है कि, 'नई सरकार को उन पहलों को बढ़ावा देना चाहिए जिनसे AI, क्वांटम कंप्यूटिंग और अन्य डीप टेक क्षेत्रों में रिसर्च और डेवलपमेंट में सहयोग को बढ़ावा मिले।' उन्होंने बदलती वैश्विक चुनौतियों के बीच व्यापारिक संबंधों को मजबूत करने की जरूरत पर ज़ोर दिया है।

इसके अलावा, रिपोर्ट में दीर्घकालिक निवेश को बढ़ावा देने के लिए नियामक अनुमानितता, उचित कराधान और व्यापार के अनुकूल माहौल के महत्व पर जोर दिया गया है। इसमें भारत में काम करने वाली अमेरिकी कंपनियों को नियामक जटिलताओं से निपटने और समर्थन देने के लिए एक इंटेलेक्चुअल प्रॉपर्टी प्रोटेक्शन इन्क्यूबेटर शुरू करने की सिफारिश की गई है। 

सप्लाई चेन की मजबूती पर जोर देते हुए USIBC ने सिंगल-सोर्स सप्लायर्स पर निर्भरता को कम करने और आर्थिक स्थिरता सुनिश्चित करने के लिए दवा और महत्वपूर्ण खनिजों के गठबंधन स्थापित करने का आह्वान किया है। ये सिफारिशें ऐसे महत्वपूर्ण समय पर आई हैं जब दोनों देश आर्थिक सहयोग को गहरा करने और वैश्विक चुनौतियों का समाधान करने के लिए नई तकनीकों का उपयोग करने की कोशिश कर रहे हैं। 

 

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