यूएस-इंडिया स्ट्रैटेजिक पार्टनरशिप फोरम (USISPF) का कहना है कि पिछले साल की ऐतिहासिक राजकीय यात्रा के बाद 2024 में क्वाड लीडर्स समिट और संयुक्त राष्ट्र महासभा (UNGA) के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की संयुक्त राज्य अमेरिका की यात्रा रणनीतिक साझेदारी को मजबूत करने में महत्वपूर्ण रही है। राष्ट्रपति बाइडेन और प्रधानमंत्री मोदी ने फिर से पुष्टि की है कि अमेरिका-भारत व्यापक वैश्विक और रणनीतिक साझेदारी 21वीं सदी की निर्णायक साझेदारी है।
एक बयान में USISPF ने कहा कि क्वाड शिखर सम्मेलन और द्विपक्षीय चर्चा के दौरान राष्ट्रपति बाइडेन और प्रधानमंत्री मोदी ने दोनों लोकतंत्रों के साझा हितों को रेखांकित किया है। हालांकि 21वीं सदी की तात्कालिक चुनौतियों से निपटने के लिए उन हितों को साझा प्राथमिकताओं तक बढ़ाना और विस्तारित करना महत्वपूर्ण है।
फोरम के मुताबिक बहुत कम समय में हमने जबरदस्त प्रगति देखी है क्योंकि अमेरिका-भारत रक्षा साझेदारी हिंद-प्रशांत क्षेत्र में सुरक्षा का एक महत्वपूर्ण स्तंभ बनी हुई है। क्रिटिकल एंड इमर्जिंग टेक्नोलॉजी (iCET) पर पहल की सफलता और उसके बाद रक्षा त्वरण पारिस्थितिकी तंत्र (INDUS-X) के रूप में भारत-अमेरिका रक्षा साझेदारी फलीभूत हुई है। ये अंतरिक्ष, सेमीकंडक्टर, कृत्रिम बुद्धिमत्ता, क्वांटम, जैव प्रौद्योगिकी और उन्नत दूरसंचार सहित प्रमुख प्रौद्योगिकी क्षेत्रों में रणनीतिक सहयोग को गहरा और विस्तारित करने में महत्वपूर्ण रहे हैं जैसा कि तकनीकी सीईओ के साथ प्रधानमंत्री की गोलमेज बैठक से साफ हुआ है।
एक नया सेमीकंडक्टर तंत्र स्थापित करने की योजना भारत की विनिर्माण क्षमता को फिर से स्थापित करेगी, उच्च तकनीक क्षेत्र को बढ़ावा देगी, राष्ट्रीय सुरक्षा और आपूर्ति श्रृंखला को मजबूत करेगी और अमेरिकी निवेशकों को आकर्षित करेगी।
जलवायु सप्ताह से पहले संयुक्त राज्य अमेरिका और भारत की साझेदारी भारत को 2070 तक अपने नेट ज़ीरो लक्ष्यों को साकार करने, स्वच्छ अर्थव्यवस्था के दृष्टिकोण को आगे बढ़ाने और जलवायु परिवर्तन से उपजी आपदाओं को कम करने में मददगार होंगी।
प्रधानमंत्री मोदी की हालिया यात्रा के दौरान कई बातें सामने आईं। जैसे कि प्रवासी भारतीयों का उत्साह, साझेदारी में दोनों सरकारों की ओर से अविश्वसनीय आशावाद और लोगों के बीच जुड़ाव में दोस्ती की गहराई और बंधन।
अब जबकि हम राष्ट्रपति बाइडेन को विदाई देने जा रहे हैं USISPF अमेरिका के 46वें राष्ट्रपति को धन्यवाद देना चाहता है और द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करने के लिए कमांडर-इन-चीफ की सराहना करना चाहता है। हम मानते हैं कि वर्तमान राष्ट्रपति के रूप में प्रधानमंत्री मोदी के साथ उनकी यह आखिरी है। हमे लगता है कि जनवरी 2025 में जो भी व्हाइट हाउस में आसीन होगा वह रणनीतिक साझेदारी को आगे बढ़ाना जारी रखेगा और वॉशिंगटन के भू-रणनीतिक दृष्टि के केंद्र में हिंद-प्रशात को प्राथमिकता देगा।
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