टोलेडो यूनिवर्सिटी (UToledo) में हाइपरटेंशन रिसर्चर बीना जो को अमेरिकन हार्ट एसोसिएशन (एएचए) की तरफ से एक्सीलेंस इन हाइपरटेंशन रिसर्च अवार्ड से सम्मानित किया गया है। यह पुरस्कार गट माइक्रोबायोटा और रक्तचाप रेगुलेशन के बीच संबंध पर बीना के अग्रणी शोध को मान्यता प्रदान करता है।
बीना डिस्टिंगुइश्ड यूनिवर्सिटी प्रोफेसर और यूटोलेडो के फिजियोलॉजी एंड फार्माकोलॉजी विभाग की चेयरमैन हैं। उन्हें हाइपरटेंशन एएचए काउंसिल परिषद की तरफ से पुरस्कार प्रदान किया गया। इस पुरस्कार के साथ बीना इस क्षेत्र के सबसे प्रभावशाली शोधकर्ताओं में शुमार हो गई हैं। इस पुरस्कार के पूर्व विजेताओं में ऐसे शोधकर्ता भी शामिल हैं, जिन्हें बाद में नोबेल पुरस्कार से सम्मानित किया गया था।
यूटोलेडो में बीना 2001 से कार्यरत हैं। उनका फोकस दुनिया भर में लाखों लोगों को प्रभावित करने वाले हाइपरटेंशन मेकेनिजम पर रहा है। 2015 में उन्होंने ग्राउंडब्रैकिंग रिसर्च प्रकाशित की थी, जो आंत के बैक्टीरिया और उच्च रक्तचाप के संबंध पर आधारित है।
बीना ने हाल ही में लैब में प्रयोग के जरिए दिखाया है कि आंत के बैक्टीरिया में परिवर्तन करके रक्तचाप को कम किया जा सकता है। इससे इस बीमारी के नए इलाज की उम्मीद जगी है।
बीना की टीम फिलहाल रक्तचाप के ऊपर आंत पित्त एसिड में बैक्टीरिया की वजह से आने वाले परिवर्तनों के प्रभाव का अध्ययन कर रही है। उनके प्रोजेक्ट को राष्ट्रीय स्वास्थ्य संस्थान अनुदान से 3.85 मिलियन डॉलर की फंडिंग मिली है।
बीना जो ने भारत के मैसूर यूनिवर्सिटी से बायो केमिस्ट्री में मास्टर्स और पीएचडी किया है।
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