संयुक्त राष्ट्र से जुड़ी अमेरिकी गैर-लाभकारी संस्था वॉयस ऑफ स्पेशली एबल्ड पीपुल (VOSAP) ने भारत सरकार के साथ मिलकर अंतर्राष्ट्रीय विकलांग दिवस (आईडीपीडी) मनाया।
'वॉयस ऑफ वोसपियंस' नाम के कार्यक्रम में भारत सरकार के सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय के दिव्यांगजन सशक्तिकरण विभाग के सचिव राजेश अग्रवाल भी शामिल हुए। कार्यक्रम में भागीदारों के विविध समूह '7 सुर' ने एक साथ आकर VOSAP के परिवर्तनकारी कार्यों का जश्न मनाया।
राजेश अग्रवाल ने पिछले एक दशक में विकलांगों के सशक्तिकरण की दिशा में भारत के प्रयासों पर प्रकाश डाला। उन्होंने सुप्रीम कोर्ट द्वारा तय नॉन नेगोशिएबल एक्सेसेबिलिटी स्टैंडर्ड समेत प्रमुख घटनाक्रमों का उल्लेख किया, जो भारत में दिव्यांगों तक एक्सेसेबिलिटी में सुधार के लिए महत्वपूर्ण हैं।
सेक्रेटरी अग्रवाल ने VOSAP की 'हितार्थ' परियोजना की महत्ता को भी स्वीकार किया जो बौद्धिक विकलांग लोगों को स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करने की भारत सरकार की 'निरामया' योजना का सपोर्ट करती है। VOSAP और भारत सरकार मिलकर दिव्यांगों को सहायक उपकरण वितरित कर रहे हैं।
कार्यक्रम में एमएसआई सर्फेस के सीईओ एमेरिटस मनु शाह ने कहा कि मैं दिव्यांगों को सशक्त बनाने में VOSAP के प्रयासों की दिल से तारीफ करता हूं। VOSAP द्वारा टेक्नोलोजी का इस्तेमाल किया जा रहा है, जिससे बड़ा परिवर्तन लाया जा सकता है।
साल 2014 में VOSAP के संस्थापक प्रणव देसाई द्वारा शुरू किए गए एक्सेसिबल इंडिया अभियान ने पिछले नौ वर्षों में डिजिटल और बुनियादी ढांचे तक पहुंच में महत्वपूर्ण प्रगति की है। VOSAP का मोबाइल ऐप यूजर्स को एक्सेसिबिलिटी डेटा इकट्ठा करने में सशक्त बना रहा है।
जनवरी 2024 में VOSAP ने विज़न 2047 पेश किया था। इसका उद्देश्य विकलांगता सेक्टर से भारत की अर्थव्यवस्था में एक ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर का योगदान देना है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दिव्यांगों के आर्थिक समावेशन के महत्व को देखते हुए इस विजन का समर्थन कर चुके हैं।
Comments
Start the conversation
Become a member of New India Abroad to start commenting.
Sign Up Now
Already have an account? Login