पाकिस्तानी मूल के अमेरिकी व्यापारी सजिद तरार ने कहा है कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कई शक्तियां और लोग अमेरिकी विदेश नीति की कमजोरी का फायदा उठा रहे हैं। ऐसा उन्हें राष्ट्रपति बाइडेन के कार्यकाल के दौरान दिखाई दे रहा है। उन्होंने न्यू इंडिया अब्रॉड को दिए एक साक्षात्कार में कहा कि अमेरिकी विदेश नीति में कमजोरी वैश्विक संघर्षों का कारण है। उन्होंने यह भी कहा कि डोनाल्ड ट्रम्प के राष्ट्रपति पद के दौरान कोई बड़ा संघर्ष नहीं हुआ था।
तरार ने कहा कि अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव दुनिया के लिए बहुत महत्वपूर्ण है। इसकी वजह ये है कि वैश्विक स्तर पर आज हम जिन कई संकटों का सामना कर रहे हैं वे अमेरिका की कमजोर विदेश नीति से उपजे हैं। चाहे वह गाजा हो, यूक्रेन हो, लाल सागर हो, अफगानिस्तान हो या चीन का बढ़ता प्रभाव। दुनिया इसका फायदा उठा रही है।
बाइडेन के हालिया बहस प्रदर्शन को देखते हुए तरार ने अमेरिकी लोकतंत्र की स्थिति के बारे में अपनी चिंता व्यक्त की। उन्होंने कहा कि मेरी राय में, दुनिया अमेरिकी लोकतांत्रिक प्रणाली को बारीकी से देख रही है, खासकर हालिया बहसों को। रूसी राष्ट्रपति पुतिन और चीनी राष्ट्रपति देख रहे हैं। इसके साथ ही सहयोगियों सहित भारत और बाकी दुनिया की भी इस पर नजर है। उन्होंने आगे कहा कि बाइडेन के नेतृत्व में पेंटागन और पुलिस विभाग निराश लग रहे हैं। हर अमेरिकी शहर युद्ध के मैदान में बदलता जा रहा है। मुद्रास्फीति, अंतरराष्ट्रीय संबंधों और सीमा संकट की वर्तमान स्थिति को देखते हुए उनका मानना है कि डोनाल्ड ट्रम्प के जीतने की उम्मीद है।
'मुस्लिम अमेरिकन्स फॉर ट्रम्प' के संस्थापक तरार ने कहा कि मैसाचुसेट्स और कैलिफोर्निया जैसे राज्यों में मुसलमानों ने डेमोक्रेटिक पार्टी और बाइडेन प्रशासन से असंतोष के परिणामस्वरूप एक बदलाव किया है। खासकर गाजा संकट के उनके संचालन के परिणामस्वरूप संयुक्त राज्य अमेरिका में इस्लामोफोबिया से संबंधित अपराधों में वृद्धि हुई है। साथ ही मुस्लिम जीवन पर अर्थव्यवस्था के परिणाम भी हैं।
उन्होंने कहा कि आप हैरान हो सकते हैं कि मुझे देश भर के मुसलमानों से कॉल आ रहे हैं कि वे ट्रम्प का समर्थन करना चाहते हैं। तरार ने कहा कि इस बार ट्रम्प का समर्थन करने की योजना है। मैं 14 से 19 तक मिल्वौकी, विस्कॉन्सिन में एक सम्मेलन में शामिल हो रहा हूं, जहां कई लोग ट्रम्प के समर्थन के लिए उत्सुक हैं।
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