अमेरिका में छात्र वीजा रद्द होने की खबरों के बीच कैलिफोर्निया के भारतीय छात्रों में डर और अनिश्चितता बढ़ रही है। UCLA में पढ़ने वाले एक भारतीय छात्र ने नाम न बताते हुए कहा, 'मैं सच में बहुत घबरा गया हूं। मुझे पहले भी वीजा को लेकर दिक्कतें हुई हैं, लेकिन यह खबर सुनकर फिर वही डर सता रहा है। अब मेरी इमिग्रेशन स्टेटस को लेकर भी शंका हो रही है। मैं बहुत सावधानी से चल रहा हूं। इस वजह से मन में सवाल आ रहा है कि क्या मुझे यहां रहना चाहिए भी या नहीं। हम अंडे के छिलकों पर चल रहे हैं।'
स्टैनफोर्ड से सैन डिएगो तक छात्रों में हड़कंप मचा हुआ है। ट्रम्प प्रशासन ने अचानक 83 से अधिक अंतरराष्ट्रीय छात्रों के वीजा रद्द कर दिए हैं। इससे कैलिफोर्निया के कैंपसों में हड़कंप मचा हुआ है। यूनिवर्सिटी सूत्रों के मुताबिक, इनमें स्टैनफोर्ड के 6, कैलिफोर्निया स्टेट यूनिवर्सिटी सिस्टम के 32 और यूनिवर्सिटी ऑफ कैलिफोर्निया (यूसी) के कम से कम 45 छात्र शामिल हैं। यूसी डेविस, यूसी बर्कले, यूसीएलए, यूसी सैन डिएगो, यूसी इरवाइन, यूसी रिवरसाइड और यूसी सांता क्रूज जैसे प्रतिष्ठित संस्थानों के छात्र प्रभावित हुए हैं।
यूसी सैन डिएगो का एक छात्र को तो डिपोर्टेशन के लिए हिरासत में भी लिया गया था। वहीं, दो छात्रों ने लॉस एंजेलिस की फेडरल कोर्ट में ट्रंप सरकार के खिलाफ केस दायर किया है। उनका कहना है कि ऑरेंज काउंटी और इनलैंड एम्पायर के कैंपसों में उनके वीजा गैरकानूनी तरीके से रद्द कर दिए गए।
भारत में परिवारों की भी चिंता बढ़ी
इस स्थिति ने विदेश में बैठे भारतीय परिवारों और प्रवासी समुदायों को भी चिंता में डाल दिया है। यूसी सैन डिएगो के एक छात्र ने कहा, 'भारत में मेरे परिवार को भी बेचैनी हो रही है। हम यहां आने के लिए कड़ी मेहनत करते हैं। अब हम और सतर्क हो गए हैं, बस पढ़ाई पर ध्यान दे रहे हैं।'
वीजा रद्द होने के पीछे क्या कारण?
इमिग्रेशन वकीलों का कहना है कि वीजा रद्द होने के पीछे कई वजहें हो सकती हैं – जैसे फिलिस्तीन समर्थक प्रदर्शनों में हिस्सा लेना या फिर पुराने ट्रैफिक चालान (स्पीडिंग, ड्रिंक एंड ड्राइव जैसे केस)। कई छात्रों का कहना है कि उन्हें पहले से कोई चेतावनी भी नहीं मिली।
भारतीय छात्रों पर असर
अमेरिकी यूनिवर्सिटी में भारतीय छात्रों की संख्या सबसे अधिक है। इसलिए यह खबर उन्हें विशेष रूप से परेशान कर रही है। स्टैनफोर्ड के एक पीएचडी छात्र ने कहा, 'हालांकि यूनिवर्सिटी हमारा साथ दे रही है, लेकिन अंतरराष्ट्रीय छात्रों के बीच डर का माहौल है। फिर भी, हम उम्मीद नहीं खो रहे। कानून का पालन करने वाले छात्रों के वीजा नहीं रुकेंगे, ऐसी हमें आशा है। यह मुश्किल वक्त है, लेकिन हम एक-दूसरे का सहारा बनकर इस स्थिति से निपटने की कोशिश कर रहे हैं।'
कैलिफोर्निया के हर बड़े कैंपस में गूंज
वीजा रद्द होने का मामला अब कैलिफोर्निया के लगभग हर प्रमुख यूनिवर्सिटी कैंपस तक पहुंच चुका है। यूसी डेविस के चांसलर गैरी मे ने कहा कि वे छात्रों की चिंता समझते हैं और यूनिवर्सिटी उन्हें पूरा सहयोग देगी। एक बयान में उन्होंने कहा, 'हम अंतरराष्ट्रीय छात्रों के पूर्ण समर्थन में हैं और चाहते हैं कि हर छात्र, स्टाफ और फैकल्टी को पता हो कि यहां पढ़ने, पढ़ाने और काम करने का उनका अधिकार सुरक्षित है। हम कानून का पालन करते हैं। स्थानीय, राज्य व केंद्र सरकार से भी यही उम्मीद रखते हैं। साथ ही, हम सरकार के हर स्तर पर अपने समुदाय के अधिकारों और सुरक्षा के लिए आवाज उठाते रहेंगे।'
स्टैनफोर्ड ने जताया समर्थन
स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी ने छात्रों की प्राइवेसी को लेकर स्पष्ट किया कि वह इमिग्रेशन एजेंसियों को तभी जानकारी देगी, जब कानूनन मजबूर हो। उनकी वेबसाइट पर दिए गए बयान के अनुसार, 'सांता क्लारा काउंटी की कानून व्यवस्था एजेंसियों की तरह, हमारा कैंपस सुरक्षा विभाग सामान्य स्थिति में किसी की इमिग्रेशन स्टेटस नहीं पूछता और न ही इमिग्रेशन एक्शन में भाग लेगा, जब तक कानूनी तौर पर बाध्य न हो।'
'डर तो है, लेकिन हौसला नहीं टूटने देंगे'
UAC में MBA कर रहे एक भारतीय छात्र ने कहा, 'अगर मैं कहूं कि यह सब सुनकर मैं बेफिक्र हूं, तो यह झूठ होगा। मगर मैं अपने लक्ष्य- एमबीए पूरा करना और अपने सपनों की मैनेजमेंट कंसल्टिंग फर्म में नौकरी पाने से ध्यान नहीं हटाना चाहता।'
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