आम तौर पर सुनते हैं कि कोई रोमियो अपने सपनों की रानी को शब्दों और गुलाबों से रिझाता है। नवाब मंसूर अली खान पटौदी ने अपने चार साल के अफेयर के दौरान शर्मिला टैगोर को ढेर सारे गुलदस्ते और पत्र भेजे। कहते हैं कि अपना प्यार पाने के लिए टाइगर ने बांसुरी भी बजाई और 'चौदहवीं का चांद हो' और 'दिल जलता है तो जलने दे' जैसे गाने भी गाये। एक बार उन्होंने अपनी प्रेमिका को कविता की कुछ पंक्तियों से मुग्ध कर दिया था और कहा था कि वो लाइनें उन्होंने ही लिखीं। लेकिन फिरोज खान ने अपनी 'सफर' की सहकर्मी को बता दिया कि 'दिल-ए-नादां तुझे हुआ क्या है, आखिर इस दर्द का दावा क्या है' मिर्जा गालिब का खयाल था। बहरहाल, रेफ्रिजरेटर्स ने टाइगर और शर्मिला को आखिरकार रिश्ते की डोर में बांध ही दिया।
पटौदी के नौवें नवाब मंसूर अली खान का जन्म 5 जनवरी 1941 को भोपाल में हुआ था। उन्होंने स्कूली शिक्षा भारत में की लेकिन मुकम्मल तालीम ऑक्सफोर्ड में पूरी की। तब तक उन्होंने 16 साल की उम्र में ससेक्स में पदार्पण करते हुए क्रिकेट के साथ अपना नाता जोड़ लिया था। मगर चार साल बाद (1961) एक भयानक कार दुर्घटना में उन्होंने अपनी दाहिनी आंख खो दी। हालांकि इससे उनका करियर खत्म हो सकता था लेकिन अगले साल और 21 की उम्र में मंसूर अली खान भारतीय क्रिकेट टीम के कप्तान बन गए। फिर तीन साल बाद उनकी मुलाकात नोबेल पुरस्कार विजेता रवीन्द्रनाथ टैगोर की परपोती से हुई।
शर्मिला टैगोर ने अपने करियर की शुरुआत 13 साल की उम्र में सत्यजीत रे की फिल्म अपुर संसार में सौमित्र चटर्जी की किशोर दुल्हन के रूप में की थी। सत्यजीत रे की फिल्म देवी सहित कुछ और बंगाली फिल्मों के बाद शर्मिला ने शक्ति सामंत की 1964 की संगीतमय रोमांस फिल्म 'कश्मीर की कली' में शम्मी कपूर के साथ बॉलीवुड में जबर्दस्त एंट्री की।
नवाब को उनके चाहने वाले प्यार से टाइगर बुलाया करते थे। एक क्रिकेट मैच के बाद टाइगर की एक पार्टी में बंगाल टाइग्रैस (शर्मिला) से मुलाकात हुई। टाइगर तभी शर्मिला के डिम्पल पर फिदा हो गये थे। शर्मिला भी भारतीय कप्तान पर मुग्ध थीं। टाइगर का लहजा ब्रिटिश था। वे चुटकुले सुनाते थे और खुद ही उनपर हंसते भी थे क्योंकि ब्रिटिश अंग्रेजी कितनों को पल्ले पड़ती।
बहरहाल, पहली मुलाकात के बाद नवाब और शर्मिला मुम्बई और कोलकाता में कई बार मिले। कोलकाता में ही डिनर के दौरान दोनों ने एक-दूसरे के फोन नंबर लिए-दिए। कुछ ही समय बाद टाइगर ने मेहमान अंग्रेजी टीम के खिलाफ दोहरा शतक ठोका तो उस समय दिल्ली से शर्मिला ने फोन करके उन्हे बधाई देनी चाही। मगर क्रिकेटर घर पर न थे। सो, शर्मिला ने अपना संदेश छोड़ा और शूटिंग के लिए नैनीताल निकल गईं। जब मुम्बई लौटीं तो उनके साथ रहने वाली धीरा ने उनसे जानना चाहा कि उन्होंने पांच फ्रिज किसलिए ऑर्डर किये? धीरा के सवाल पर शर्मिला हैरान और परेशान थीं क्योंकि उन्होंने ऐसा कोई ऑर्डर नहीं दिया था। पूछताछ में पता चला कि टाइगर ने उनके घर का पता पूछने के लिए फोन किया था। शर्मिला ने तुरंत उन्हें फोन किया और यह जानकर राहत महसूस की कि इन 'कूल' उपहारों को खासी रूमानियत के साथ टाइगर ने भेजा था। तब शर्मिला का गुस्सा शांत हो गया। तब टाइगर के इसरार पर शर्मिला उनके साथ एक कॉफी पीने को बाहर जाने के लिए तैयार गईं। यह एक 'तूफानी' रोमांस की शुरुआत थी।
सामने एक शानदार करियर और व्यस्त कार्यक्रम के साथ दोनों उस समय अपने स्टारडम के चरम पर थे। लेकिन प्यार ने शर्मिला को उतावला और साहसी बना दिया था। जब कोई शेड्यूल अचानक रद्द हो जाता था या शूटिंग जल्दी खत्म हो जाती थी तो शर्मिला अपने 'राजकुमार' के साथ अचानक यात्राओं पर निकल जाती थीं। कभी-कभी तो बिना टूथब्रश लिए। सैयदा इमाम की किताब 'लाइक फाइन वाइन: नाइन रियल, रेयर लव स्टोरीज' से पता चलता है कि अभिनेत्री एक बार काउंटी मैच सीरीज के लिए अपने प्रेमी के साथ ससेक्स गई थीं। अपने रिश्ते को छिपाकर रखने के लिए शर्मिला ने खुद को टाइगर की बहन तक बताया था।
जब दोनों एक-दूसरे से दूर होते थे तो ट्रंक कॉल के माध्यम से जुड़े रहे। टेलीफोन ऑपरेटर चुपचाप उनकी बातचीत सुनते थे और कभी-कभी उनके विश्वासपात्र बन जाते थे। बेरूत में एक व्यक्ति था जिसने शर्मिला को तब आश्वासन दिया जब अभिनेत्री ने खुद को उग्र विरोध प्रदर्शन के तूफान के बीच पाया कि सब ठीक हो जाएगा। दरअसल, फिल्मफेयर मैगजीन के कवर के लिए बैक एंड व्हाइट बिकिनी में पोज देने पर विवाद खड़ा हो गया था। शर्मिला का यह बिकिनी वाला फैसला शक्ति सामंत की अगली फिल्म एन इवनिंग इन पेरिस में ग्लैमरस दिखने के लिए था और साथ ही उनकी यह भी चाहत थी कि ऐसा करके वह खुद को मुख्यधारा की नायिका बनाने में कामयाब हो जाएंगी।
हालांकि उनके संरक्षक को चिंता थी कि उनके इस कदम से फिल्म को 'ए' प्रमाणपत्र मिल सकता है या प्रतिबंध भी लग सकता है, इसीलिए उन्होंने शर्मिला को फटकार लगाई। अचानक घबराकर शर्मिला टाइगर के पास पहुंचीं जो उस समय लंदन में खेल रहे थे। तब शर्मिला के मन में यही सवाल तैर रहा था कि क्या-कहीं टाइगर भी उतने ही परेशान होंगे। मगर टेलीग्राम पर टाइगर की एक ही लाइन ने शर्मिला के सारे दिमागी तूफान शांत कर दिए। टाइगर ने लिखा था- कोई बात नहीं, शांत रहो...तुम बहुत अच्छी लग रही हो। टाइगर की इस बात से दोनों के रिश्ते को मजबूती मिली और जल्द ही उनकी सगाई हो गई।
मगर शर्मिला की मुश्किलें अभी खत्म नहीं हुई थीं। एन इवनिंग इन पेरिस में शम्मी के साथ बेरूत में एक वॉटर-स्कीइंग सीक्वेंस शूट किया गया था। हालांकि उस शूट में शर्मिला ने जो नीला स्विमसूट पहना हुआ था वह बिकनी की तुलना में कम ही लग रहा था मगर अभिनेत्री ने ट्विंकल खन्ना के टॉक शो में कबूल किया कि जब उनकी होने वाली सास ने उन्हे बुलाया तो उन्हे कुछ डर लगा। तब शर्मिला ने अपने ड्राइवर और एक घर पर काम करने वाले की मदद से रात को चुपके से निकलकर घर के बाहर लगे स्विमसूट वाले पोस्टर हटा दिये थे। शर्मिला को लग रहा था कि उनकी होने वाली सास ने भी शायद देखें हों। लेकिन मामले ने कोई तूल नहीं पकड़ा क्योंकि टाइगर की मां की तरफ से उस बारे में कोई कोई टिप्पणी नहीं थी।
पहले बिकिनी और फिर स्विमसूट से उठी ऊंची लहरों के बीच टाइगर आश्चर्यजनक रूप से चुप्पी साधे रहे। बताते हैं कि औपचारिक रूप से प्रपोज करने से पहले ही टाइगर ने अपनी मां को शांत भाव से बता दिया था कि वह शर्मिला से शादी करना चाहते हैं। एक किस्से के मुताबिक टाइगर पेरिस में शर्मिला को प्रपोज करने के लिए सड़क पर घुटनों के बल बैठ गये थे। सब लोग देख रहे थे कि किस तरह एक आशिक अपने प्यार का इजहार कर रहा है और उसकी प्रेमिका उसे स्वीकार कर रही है। इस किस्से पर शर्मिला मुहर लगा चुकी हैं। इसके कुछ ही समय बाद शर्मिला ने धर्म परिवर्तन कर इस्लाम कुबूल कर लिया। वह पटौदी के नवाब से शादी करने के लिए आयशा सुल्ताना बन गई थीं। दोनों की शादी 27 दिसंबर, 1968 में हुई। शादी के बाद कुछ लोगों ने तो यहां तक कहा कि यह रिश्ता छह महीने से ज्यादा नहीं टिक पाएगा। मगर टाइगर-टाइग्रैस ने 42 साल तक साथ रहकर तमाम संशयवादियों को चुप करा दिया।
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