हर साल कम से कम एक दर्जन डरावनी फिल्में पर्दे पर आती हैं। इनमें से कुछेक आश्चर्यजनक रूप से हिट हो जाती हैं। बॉलीवुड की असाधारण 'मुठभेड़ों' पर हाल ही में आई एक किताब आई है जो दर्शकों को पर्दे के पीछे की असल कहानियों की याद दिलाती है। ऐसी ही एक कहानी विक्रांत मैसी और सारा अली खान की गैसलाइट को ओटीटी पर जगह मिलने से पहले बहुत कम लोगों ने सुनी थी। जंगीमहल: द अवेकनिंग को फेस्टिवल सर्किट में लाया गया था जबकि 1920: हॉरर्स ऑफ द हार्ट 2023 की आश्चर्यजनक हिट थी। महेश भट्ट द्वारा लिखित, विक्रम भट्ट द्वारा निर्मित और उनकी बेटी कृष्णा भट्ट द्वारा निर्देशित, 1920 (2008), 1920: द ईविल रिटर्न्स (2012) और 1920 लंदन (2016) के बाद 1920 फ्रेंचाइजी की चौथी फिल्म है। हालांकि यह अपने निर्माताओं के लिए एक सफल श्रृंखला रही है लेकिन जो चीज 1920 को दोगुना दिलचस्प बनाती है वह यह है कि इसके निर्माण के दौरान कलाकारों ने असल में डरावना अनुभव किया।
मूल फिल्म की शूटिंग यूके में उत्तरी यॉर्कशायर के एलर्टन कैसल में की गई थी। कैसल को लेकर कहा जाता है कि वहां किसी आत्मा का साया है। हालांकि कई लोग इस अफवाह पर हंसेंगे कि मुख्य अभिनेता रजनीश दुग्गल (जो एक वास्तुकार की भूमिका निभा रहे हैं) और अर्जुन सिंह राठौड़ (जिनकी ब्रिटिश-भारतीय पत्नी एक मृत महिला के साथ उसकी आत्मा साझा करती है) स्वीकार करते हैं कि 19वीं सदी के उस महल के कुछ कमरों ने उसके सह-कलाकारों को डरा दिया था। तब जब अदा शर्मा और अंजोरी अलघ के साथ वे वहां 1920 की शूटिंग कर रहे थे। अभिनेता ने बताया कि उन्हें विशेष रूप से निर्देश दिया गया था कि वे 'एक वॉशरूम' में अकेले न जाएं। मगर जब उनके कार्यकारी निर्माता ने जानबूझकर चेतावनी को अनदेखा किया तो वह निराश होकर कांपते-हकलाते हुए वापस लौटे थे।
डरावनी फिल्में बनाने वाले विक्रम भट्ट एक बार जब पुरुषों के कमरे की ओर (बाथरूम) जा रहे थे तो उन्हें अहसास हुआ कि पूरे रास्ते कोई उनका पीछा कर रहा था। भट्ट को लगता था कि वह उनका कोई सेवक है किंतु जब उन्होंने पीछे मुड़कर देखा तो वहां कोई नहीं था। अलबत्ता भट्ट ने अपने पीछे संगमरमर और ग्रेनाइट के फर्श पर साफ तौर पर पदचाप सुनी थी। यह घटना एलर्टन कैसल में नहीं बल्कि वेंटवर्थ वुडहाउस की थी। इस हवेली के बारे में भी कहा जाता है कि यहां कोई आत्मा रहती है। यह वाकया तब का है जब भट्ट 1920 की अगली कड़ी 1921 का फिल्मांकन कर रहे थे।
स्त्री, रूही और भेड़िया जैसी फिल्में बनाने वाले दिनेश विजान भी अपनी सुपरहिट हॉरर-कॉमेडी स्त्री के भाग 2 के साथ अपने 'हॉरर ब्रह्मांड' का विस्तार कर रहे हैं। स्त्री 2 फिल्म 31 अगस्त को सिनेमाघरों में रिलीज होने वाली है। राजकुमार राव पहली फिल्म में लेडीज टेलर थे और इसमें भी उसी रोल में भी दिखेंगे। विक्रांत पाराशर उर्फ विक्की मानते हैं कि आज भी उनके बदन में सिहरन दौड़ जाती है जब वह भोपाल के एक पुराने किले में 2018 की मूल फिल्म की एक रात की शूटिंग को याद करते हैं। किले को लेकर भी भूत-प्रेत की कहानियां हैं। हालांकि जब यह घटना घटी तब अभिनेता स्वयं वहां मौजूद नहीं थे और बाद में उन्होंने सहकर्मियों से इसके बारे में सुना। वह अब भी सोचते हैं कि उस रात जब वे स्त्री का फिल्मांकन कर रहे थे तो दीवार पर बैठे लाइट मैन को किसने धक्का दिया।
हिंदी-बंगाली फिल्मों के वरिष्ठ अभिनेता बिस्वजीत ने भी 1963 की सस्पेंस थ्रिलर बिन बादल बरसात के फिल्मांकन के दौरान की एक डरावनी कहानी सुनाई। फिल्म में एक पुनर्जन्म वाली लड़की का पिता अपने चरित्र प्रभात को नींद में उसके पास लाने के लिए काले जादू की शक्तियों का उपयोग करता है। एक रात बिस्वजीत बिस्तर से उठे और अपने घर से बाहर चले गये। स्तब्ध और भ्रमित अपने पाजामे में। अभिनेता ने दावा किया कि वह सड़क पर निकलने ही वाले थे कि गार्ड ने उन्हे देख लिया और वह दौड़कर आ गया। गार्ड राम सिंह के चिंतित सवालों ने तिलिस्म 'तोड़ दिया' तो वह झटके से जाग गये। और भला यह भी रहा कि उस रात कुछ भी अप्रिय नहीं हुआ। लेकिन बीस साल बाद और कोहरा जैसी फिल्मों के बाद 'बंगाल के सस्पेंस हीरो' के रूप में जाने जाने वाले बिस्वजीत को अब भी आश्चर्य होता है कि आखिर उस रात क्या हुआ था क्योंकि उस घटना से पहले वह कभी नींद में नहीं चले थे।
किताब में ऐसी ही कई कहानियां हैं। कुछ भयानक, कुछ रहस्यमय और कुछ भावनात्मक। एक किस्सा जूही चावला का भी है। जूही के अलावा ईशा देओल, नील नितिन मुकेश, दिव्या दत्ता, तनिष्ठा चटर्जी, रंजीता कौर, सोनल सहगल, जॉय बिमल रॉय, अनंत नारायण महादेवन, अरुणाराजे पाटिल, विशाल फुरिया, अभिषेक कपूर, शांतनु मोइत्रा और जीत गांगुली सहित कई अन्य लोगों के कई ऐसे सच्चे किस्से हैं जो किसी ने किसी रूप में हमने पर्दे पर देखे हैं।
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