रिपब्लिकन नेशनल कमेटी (RNC) की अध्यक्ष रोना मैकडेनियल जल्द ही पद छोड़ सकती हैं। रिपोर्ट के अनुसार, मैकडैनियल ने पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से कहा कि वह 24 फरवरी को दक्षिण कैरोलिना रिपब्लिकन राष्ट्रपति पद के प्राइमरी के बाद इस्तीफा दे देंगी।
ऐसी खबरें हैं कि कैलिफोर्निया रिपब्लिकन पार्टी की पूर्व उपाध्यक्ष भारतीय मूल की अमेरिकी सिख वकील हरमीत कौर ढिल्लों, रोना की जगह ले सकती हैं। वहीं, हरमीत ने इस बात से इनकार किया है कि वह आरएनसी की अध्यक्ष की जगह लेना चाहती हैं। हालांकि सूत्रों का कहना है कि नॉर्थ कैरोलिना रिपब्लिकन पार्टी के अध्यक्ष माइकल व्हाटले को आरएनसी अध्यक्ष के रूप में पदोन्नत हो सकते हैं।
अमेरिका में 2024 में होने वाले राष्ट्रपति चुनाव से पहले रिपब्लिकन पार्टी की ओर से चुनाव लड़ रहे ट्रंप रिपब्लिकन पार्टी की नेशनल समिति में बदलाव और नए नेतृत्व की मांग कर रहे हैं। स्थानीय मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, पूर्व राष्ट्रपति ने सोमवार को फ्लोरिडा के पाम बीच में मैकडैनियल से मुलाकात की। चर्चा के बाद, ट्रंप ने अपने ट्रुथ सोशल प्लेटफॉर्म पर कहा कि मैकडैनियल एक 'दोस्त' है, वह दक्षिण कैरोलिना में जीओपी राष्ट्रपति पद के प्राथमिक के बाद आरएनसी में बदलाव के लिए जोर देंगे।
मैकडैनियल ने 2017 में आरएनसी अध्यक्ष का पदभार संभाला था। उन्हें GOP की फंड की समस्याओं और 2020 के बाद से बार-बार चुनावी हार के लिए आलोचना का सामना करना पड़ रहा है, जिससे उनके इस्तीफे की मांग उठ रही है। जैसे ही मैकडैनियल के संभावित इस्तीफे की खबरें सोशल मीडिया पर सामने आईं, लोगों ने यह पूछना शुरू कर दिया कि क्या ढिल्लों उनकी जगह लेने जा रही हैं।
एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर हरमीत ढिल्लों ने पुष्टि की कि वह मैकडैनियल को बदलने की मांग नहीं कर रही है। मैं जहां हूं वहां खुश हूं। मुझे कानून से प्यार है। बता दें कि पिछले साल इस पद के लिए मैकडेनियल के खिलाफ ढिल्लों मैदान में थीं। फ्लोरिडा के गवर्नर रॉन डीसांटिस ने उनका समर्थन किया था। लेकिन ढिल्लों ने समिति के सदस्यों से केवल 51 वोट अर्जित किए। मैकडैनियल को कुल 111 वोट मिले थे।
भारत के चंडीगढ़ में जन्मी हरमीत ढिल्लों भारत के 'रूसी स्टाइल के समाजवाद' से बचने के लिए अपने परिवार के साथ संयुक्त राज्य अमेरिका आ गई थीं। अमेरिका जाने से पहले वे पहले लंदन में रहती थी। 2013 के एक इंटरव्यू में ढिल्लों ने बताया था कि उनकी एक अरेंज मैरिज हुई थी, लेकिन उन्होंने अपने पति को छोड़ दिया। इसके बाद उन्होंने वर्जीनिया स्कूल ऑफ लॉ में दाखिला लिया। बाद में उन्होंने एक रिटायर्ड परमाणु इंजीनियर सर्वजीत रंधावा से शादी कर ली।
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