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कैलिफोर्निया के चुनावी नतीजों में देरी को लेकर चिंताओं के बीच सेक्रेटरी ने बताई इसकी वजह

कैलिफोर्निया देश का सबसे अधिक आबादी वाला राज्य है। यहां 22 मिलियन से अधिक लोग मतदान के लिए पंजीकृत हैं।

कैलिफोर्निया की सेक्रेटरी ऑफ स्टेट शर्ली एन. वेबर ने मतगणना प्रक्रिया की विस्तार से जानकारी दी। / X @CASOSVote

कैलिफोर्निया में मतदान को 10 दिन बीत चुके हैं, लेकिन अभी तक पूरे परिणाम घोषित नहीं किए गए हैं। इसे लेकर जताई जा रही चिंताओं के बीच कैलिफोर्निया की सेक्रेटरी ऑफ स्टेट शर्ली एन. वेबर ने मीडिया से बातचीत में इसकी वजह बताई। 

2024 के कैलिफोर्निया आम चुनावों पर वर्चुअल ब्रीफिंग में शर्ली ने मतपत्रों की गिनती और प्रमाणित करने की प्रक्रिया के बारे में विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने कहा कि हम मानते हैं कि अंतिम मतदान में इतना अधिक समय लगने को लेकर लोगों के मन में कई तरह के सवाल हैं। हमारे लिए हर एक वोट मायने रखता है, इसीलिए इसकी प्रक्रिया लंबी होती है। हम 6 दिसंबर को सभी 58 काउंटियों से अपनी पहली वास्तविक गिनती प्राप्त करेंगे। प्रमाणित परिणाम 13 दिसंबर को घोषित किए जाएंगे।

कैलिफ़ोर्निया ने चुनावों तक लोगों की पहुंच सुधारने और मतदान बढ़ाने के लिए कई कदम उठाए हैं। मतदान के दिन तक पोस्ट किए गए और उसके सात दिन के अंदर प्राप्त डाक मतपत्रों को ही काउंटी चुनाव अधिकारियों द्वारा गिनती में शामिल किया जाता है। कैलिफ़ोर्निया में सभी काउंटियों के निवासियों को डाक मतपत्रों का इस्तेमाल करने का विकल्प मिलता है। इसके अलावा विदेश में रह रहे अमेरिकियों के मतपत्र भी मिलते हैं। 

कैलिफोर्निया देश का सबसे अधिक आबादी वाला राज्य है। यहां 22 मिलियन से अधिक लोग मतदान के लिए पंजीकृत हैं। शर्ली ने बताया कि इस वर्ष कैलिफ़ोर्निया की मतदाता सूची में दस लाख नए नाम जोड़े गए हैं। हम यह सुनिश्चित करते हैं कि हर मतपत्र की गिनती ठीक से हो और प्रत्येक मतपत्र का हिसाब रखा जाए।

सेक्रेटरी शर्ली ने बताया कि मतपत्रों की गिनती के लिए राज्य में विशिष्ट नियम कानून हैं। गिनती के दौरान हस्ताक्षरों का सत्यापन, मशीन से ऑडिट और मैन्युअल तरीके से सख्त जांच की जाती है। हम सुनिश्चित करते हैं कि चुनाव के लिए हर मशीन को चेक किया जाए। हर मशीन के विशेष कोड या पासवर्ड होते हैं। पहले हम एक फीसदी वोटों की हाथ से गिनती करते हैं और फिर उसका  मशीनी गिनती से मिलान करते हैं। 

उन्होंने कहा कि हम यह सुनिश्चित करने का सर्वश्रेष्ठ प्रयास करते हैं कि हर पंजीकृत मतदाता का वोट गिना जाएगा। हमें मतपत्रों में कई तरह की कमियां देखने को मिलती हैं। कई लोग मतपत्र पर हस्ताक्षर नहीं करते हैं। कई बार मतपत्र क्षतिग्रस्त हो जाते हैं और उन्हें गिनना या पढ़ना मुश्किल हो जाता है। इसके बाद हम लिफाफों पर विशेष कोड के जरिए उस मतदाता का पता लगाते हैं और उनसे फिर से मतपत्र लेकर अपना वोट डालने के लिए कहते हैं। 

उन्होंने बताया कि काउंटी के चुनाव अधिकारियों के पास मतपत्रों का मिलान करने, ऑडिटिंग और प्रमाणन के लिए 30 दिनों तक का समय होता है। अधिकारियों को राष्ट्रपति पद के चुनाव के लिए अपने अंतिम परिणामों की जानकारी 3 दिसंबर तक और अन्य सभी राज्य व संघीय चुनावों के लिए 5 दिसंबर तक स्टेट सेक्रेटरी को रिपोर्ट करनी होती है। उसके बाद सेक्रेटरी नतीजों को सर्टिफाई करते हैं। 



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