'वुल्फ पैक' आज दुनियाभर में अपनी पहचान बना चुकी है। यह बेंगलुरु के वाइल्डलाइफ फोटोग्राफर अरविंद राममूर्ति की शानदार तस्वीर है। ये तस्वीर लंदन के नेचुरल हिस्ट्री म्यूजियम के प्रतिष्ठित 'वाइल्डलाइफ फोटोग्राफर ऑफ द ईयर' कॉन्टेस्ट में पीपुल्स चॉइस अवॉर्ड के लिए मुकाबला कर रही है। ये तस्वीर महाराष्ट्र के भीगवान के एक खेत में पांच भारतीय भेड़ियों के झुंड की है। इस साल भारत की तरफ से ये अकेली एंट्री है। इस अवॉर्ड के लिए पब्लिक वोटिंग 29 जनवरी 2025 तक चलेगी। विजेताओं की घोषणा फरवरी 2025 में की जाएगी।
लंदन के नेचुरल हिस्ट्री म्यूजियम द्वारा हर साल आयोजित होने वाली इस प्रतियोगिता में दुनियाभर से लगभग 60,000 एंट्रीज आती हैं। इनमें से सिर्फ 100 तस्वीरें ही फाइनल एग्जिबिशन में जगह बना पाती हैं। ये राममूर्ति का पहला नॉमिनेशन है। हालांकि वो 2016 से अपनी तस्वीरें भेज रहे हैं।
पेशे से सॉफ्टवेयर इंजीनियर राममूर्ति ने अपनी बचपन की उत्सुकता को प्रकृति के प्रति बनाए रखा है। उन्होंने कहा, 'मुझे बचपन से ही आर्ट के जरिए जंगलों से प्यार हुआ। मैं इसे अपनी खुशी जाहिर करने के तरीके के तौर पर इस्तेमाल करता हूं।'
राममूर्ति की फोटोग्राफी कम-ज्ञात प्रजातियों को अनोखे तरीके से दिखाने और उनके संरक्षण की जरूरत पर ध्यान खींचने पर केंद्रित है। उन्होंने कहा, 'अच्छी तस्वीरें ध्यान से देखने और तस्वीर के पीछे एक मजबूत सोच का नतीजा होती हैं।'
खूब सराही गई अपनी तस्वीर 'वुल्फ पैक' में राममूर्ति भारतीय भेड़ियों की दुर्दशा को उजागर करते हैं, जो गंभीर रूप से लुप्तप्राय हैं। सोशल मीडिया पर अपनी चिंताएं साझा करते हुए उन्होंने X पर लिखा, 'देश में लगभग 3,000 भेड़िये बचे हैं। भारत में भेड़िया बाघ से भी ज्यादा खतरे में है।'
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