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मैरीलेंड के 'फेस्टिवल ऑफ इंडिया'' में भारतवंशी युवा ने संगीतमय प्रस्तुति से समां बांधा

ऋषभ इससे पहले कैनेडी सेंटर और एनपीआर के 'फ्रॉम द टॉप' जैसे प्रतिष्ठित स्थानों पर भी अपनी परफॉर्मेंस दे चुके हैं। वह नेशनल सिम्फनी ऑर्केस्ट्रा यूथ फैलोशिप प्रोग्राम के सदस्य हैं।

रिवर हिल हाई स्कूल के सीनियर ऋषभ जैन ने वाइब्राफोन पर अमेरिकी राष्ट्रगान की अनूठी धुन बजाई। / Image provided

अमेरिका के मैरीलैंड स्थित हावर्ड काउंटी में हाल ही में फेस्टिवल ऑफ इंडिया का धूमधाम से आयोजन किया गया। इस दौरान रिवर हिल हाई स्कूल के सीनियर ऋषभ जैन ने वाइब्राफोन पर अमेरिकी राष्ट्रगान की अनूठी धुन सुनाकर उपस्थित लोगों को मंत्रमुग्ध कर दिया।  

ऋषभ की परफॉर्मेंस देखकर हर कोई हैरान रह गया। इसने न केवल उनकी असाधारण संगीत प्रतिभा बल्कि उनकी भारतीय विरासत और अमेरिकी पहचान के बीच अनोखे संबंध को दर्शाया। ऋषभ का कार्यक्रम पूरे समारोह का एक अनूठा आकर्षण रहा। 



इस फेस्टिवल का आयोजन दिवाली और भारतीय संस्कृति की जीवंत भावना का जश्न मनाने के उद्देश्य से 21 सितंबर को किया गया था। कार्यक्रम में जब ऋषभ ने मंच संभाला और अपने वाइब्राफोन पर 'स्टार-स्पैंगल्ड बैनर' परफॉर्मेंस दी तो लोग आश्चर्यचकित रह गए। एक जटिल म्यूजिक इंस्ट्रूमेंट वाइब्राफोन पर ऋषभ की प्रस्तुति ने सबका दिल जीत लिया। 

ऋषभ की परफॉर्मेंस से प्रभावित होने वाले प्रमुख लोगों में मैरीलैंड के पूर्व गवर्नर लैरी होगन भी शामिल थे जिन्होंने ऋषभ की उल्लेखनीय संगीतमय हुनर और शिष्टता के लिए तारीफ की।

ऋषभ इससे पहले कैनेडी सेंटर और एनपीआर के 'फ्रॉम द टॉप' जैसे प्रतिष्ठित स्थानों पर भी अपनी परफॉर्मेंस दे चुके हैं। वह नेशनल सिम्फनी ऑर्केस्ट्रा यूथ फैलोशिप प्रोग्राम के सदस्य हैं। संगीत के लिए प्रेम ने उन्हें राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर संगीत में पहचान दिलाई है।

समारोह में ऋषभ के अलावा उनकी मां सविता जैन ने भी प्रस्तुति दी। / Image provided

समारोह में ऋषभ की मां सविता जैन ने भारतीय राष्ट्रगान पर आधारित दिल छू लेने वाली प्रस्तुति दी। सविता जैन स्थानीय कम्युनिटी की चर्चित हस्ती हैं। समारोह में मां-बेटे की प्रस्तुतियां भारतीय-अमेरिकी समुदाय के लिए गर्व का मौका थीं।

समारोह के आयोजक नीति और संजय श्रीवास्तव ने कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए कलाकारों और उपस्थित लोगों को धन्यवाद दिया। भारतीय-अमेरिकी समुदाय के लिए यह केवल दिवाली का उत्सव नहीं था बल्कि सांस्कृतिक विविधता और संगीत की एक यादगार शाम साबित हुई। 
 

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